तिरुवनंतपुरम, 13 अगस्त : केरल में पिछले वर्ष एंटीबायोटिक दवाओं की बिक्री में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई. सालाना बिकने वाली 15,000 करोड़ रुपये की दवाओं में से एंटीबायोटिक्स की हिस्सेदारी 4,500 करोड़ रुपये की है. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार द्वारा कड़े नियम लागू करने के कारण अस्पतालों और मेडिकल स्टोर के माध्यम से एंटीबायोटिक दवाओं की बिक्री में 1,000 करोड़ रुपये की कमी आई है.
रिपोर्ट में कहा गया कि राज्य स्वास्थ्य विभाग ने एक वर्ष पहले एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग को रोकने के लिए उस समय हस्तक्षेप किया, जब यह पता चला था कि इसके अधिक इस्तेमाल से कई संक्रामक वायरस रोगाणुरोधी प्रतिरोध विकसित कर रहे थे. इसके बाद, सरकार ने डॉक्टर के पर्चे के बिना एंटीबायोटिक बेचने वाली दवा दुकानों के लाइसेंस रद्द करने का भी फैसला किया. यह भी पढ़ें : Kejriwal Delhi liquor Case: सीएम केजरीवाल को बेल मिलेगी या नहीं? CBI की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
अधिकारियों ने भारतीय चिकित्सा संघ और अन्य चिकित्सा संगठनों को रोगियों को एंटीबायोटिक दवाएं लिखते समय सावधानी बरतने के लिए कहा था. ऑल केरल केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अनुसार, एंटीबायोटिक दवाओं की बिक्री में 1,000 करोड़ रुपये की गिरावट का कारण सरकारी हस्तक्षेप और नुस्खों में कमी है. राज्य के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र केरल मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन के माध्यम से सालाना 800 करोड़ रुपये की दवाएं खरीदते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र में एंटीबायोटिक दवाओं की खरीद के लिए भी नियम बनाए गए हैं.