नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी में दो चक्रवात आने की आशंका जताई गई है. दरअसल बंगाल की खाड़ी में दो जगहों पर कम दबाव वाले क्षेत्र बन रहे हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के दो क्षेत्र बनने के बाद ओडिशा के तटीय इलाकों में 45 किमी प्रति घंटे से 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की भविष्यवाणी की है और उनमें से एक के गंभीर चक्रवात में बदलने की संभावना है. आईएमडी ने कहा कि एक निम्न दबाव क्षेत्र (LPA) बंगाल की खाड़ी के दक्षिणपूर्व और निकटवर्ती अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर सुबह 5:30 बजे बना था और आज सुबह 08:30 बजे उसी क्षेत्र में स्थित हो गया. Delhi Air Pollution: प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली में 13 हॉटस्पॉट पर स्प्रिंकलर लगाए गए.
IMD ने कहा, "इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 15 नवंबर को पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक दबाव में तब्दील होने की संभावना है.' मौसम एजेंसी ने कहा कि चक्रवात मिधिली, जिसे मालदीव ने नाम दिया है, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और 16 नवंबर को आंध्र प्रदेश तट से दूर पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर गहरे दबाव (Deep Depression) में बदल जाएगा. आईएमडी ने कहा यह, 'उत्तर-पूर्व की ओर और 17 नवंबर को ओडिशा तट से उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक पहुंच जाएगा."
IMD ने शेयर किया अपडेट
A Low Pressure Area formed over Southeast Bay of Bengal and adj. Andaman & Nicobar Islands at 0530 hrs IST and lay over the same region at 0830 hrs IST of today. Likely to move west-northwestwards and intensify into a Depression over Westcentral Bay of Bengal on 15th November. pic.twitter.com/laEShGFaKe
— India Meteorological Department (@Indiametdept) November 14, 2023
IMD ने कहा है कि अगर और जब निम्न दबाव का क्षेत्र तीव्र होकर चक्रवाती तूफान बनकर डिप्रेशन में बदल जाता है, तो इसे ‘मिधिली’ (Midhili) कहा जाएगा. IMD ने मछुआरों को अगली सूचना तक 15 से 17 नवंबर तक समुद्र में न जाने की सलाह दी है.
मौसम विभाग ने 15 नवंबर को ओडिशा के कुछ तटीय जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है. साथ ही कहा है कि अगले दिनों में इसकी तीव्रता बढ़ने की संभावना है और 16 नवंबर को अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी बारिश होगी.
डाउन टू अर्थ के अनुसार, मौसम विज्ञानियों ने एक और वायु चक्रवाती परिसंचरण देखा है, जो बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों पर बना हुआ है. दक्षिण कोरिया के जेजू नेशनल यूनिवर्सिटी के टाइफून रिसर्च सेंटर के अनुसंधान वैज्ञानिक विनीत कुमार सिंह ने कहा, इससे निम्न दबाव का क्षेत्र भी उत्पन्न हो सकता है.