रेल मंत्रालय का बड़ा फैसला, अब विमानों की तरह ट्रेनों में भी किया जाएगा 'Black Box' तकनीक का इस्तेमाल

भारतीय रेलवे ने अब हवाई जहाज की तर्ज पर ट्रेनों में 'ब्लैक-बॉक्स तकनीक' का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसकी शुरूआत मुंबई की लोकल ट्रेन से की जाएगी. ताकी यात्रियों की सुरक्षा को और पुख्ता किया जा सके.

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रेल मंत्रालय का बड़ा फैसला, अब विमानों की तरह ट्रेनों में भी किया जाएगा 'Black Box' तकनीक का इस्तेमाल

भारतीय रेलवे ने अब हवाई जहाज की तर्ज पर ट्रेनों में 'ब्लैक-बॉक्स तकनीक' का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसकी शुरूआत मुंबई की लोकल ट्रेन से की जाएगी. ताकी यात्रियों की सुरक्षा को और पुख्ता किया जा सके.

देश IANS|
रेल मंत्रालय का बड़ा फैसला, अब विमानों की तरह ट्रेनों में भी किया जाएगा 'Black Box' तकनीक का इस्तेमाल
ट्रेन I प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली, 12 फरवरी : भारतीय रेलवे ने अब हवाई जहाज की तर्ज पर ट्रेनों में 'ब्लैक-बॉक्स तकनीक' का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसकी शुरूआत मुंबई की लोकल ट्रेन से की जाएगी. ताकी यात्रियों की सुरक्षा को और पुख्ता किया जा सके. ट्रेन हादसों को रोकने के लिए रेलवे यह कदम उठाने का फैसला किया है. प्लेन की तरह 'ब्लैक बॉक्स' को लंबी दूरी की ट्रेनों के इंजन में लगाया जाएगा. ट्रेन के सीवीवीआर सिस्टम में रिकॉर्ड होगा और जैसे किसी विमान दुर्घटना के समय ब्लैक बॉक्स से मदद मिलती है, उसी तरह किसी भी प्रकार की दुर्घटना या आपात स्थिति में ट्रेन के इस सिस्टम से रेलवे को मदद मिल सकेगी.

रेलवे के अनुसार यह लोको पायलट के केबिन और लोकल ट्रेनों के मोटरमैन केबिन को क्रियू वॉइस और वीडियो रिकॉडिर्ंग सिस्टम से लैस करने की शुरूआत की है. इसके साथ ही साथ ही बोगी के बाहर भी सुरक्षा के लिहाज से हादसे के बाद मदद के लिये सीसीटीवी और ऑडिओ विजुअल तकनीक लगाई जाएगी. मुंबई लोकल में लाखों लोग एक दिन में सफर करते हैं. अगर भविष्य में कोई हादसा मुंबई लोकल में होता है तो दुर्घटना या आपात स्थिति में इस सिस्टम से रेलवे को मदद मिलेगी. इस तकनीक की मदद से रेल दुर्घटना होने पर असली कारण का पता लगाया जा सकता है. यह भी पढ़ें : Uttarakhand Election 2022: सीएम योगी ने राहुल गांधी पर कसा तंज, कहा- जिनके पूर्वजों को खुद के हिंदू होने पर गर्व नहीं, वो इसकी परिभाषा ना बताएं

इसके अलावा सफर के दौरान पटरियों पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने और सिग्नल पर नजर रखने के लिए लोकोमोटिव के बाहर सीवीवीआरएस से लैस कैमरे लगाए गए हैं. यह उपकरण ट्रेन की स्पीड को रिकॉर्ड करता है, अगर लोको पायलट ने ट्रेन को निर्धारित गति से तेज चलाया होगा अथवा सिग्नल पर स्पीड का ध्यान नहीं रखा होगा तो उसकी जानकारी रिकॉर्ड की जा सकेगी. आमतौर पर निर्धारित स्पीड के कारण ही ट्रेन पटरी से उतरी है. इसलिए हादसे की सूरत में स्पीड के आधार पर ड्राइवर की गलती है या नहीं? इसका पता लगाया जा सकेगा. इस सिस्टम के लगने से यात्रियों की यात्रा और भी सुरक्षित हो सकेगी. इस सिस्टम को लगाने के लिए बजट में रेलवे को 2.30 करोड़ रुपये दिए गए हैं.

हालांकि देश में रेल दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए भरतीय रेलवे अब यात्रियों के सुरक्षित सफर के लिए तकनीक 'कवच' को भी लेकर आई है, जिसका लक्ष्य है कि दस हजार सालों में कोई एक गलती की संभावना है. रेलवे सुरक्षा के लिए 'कवच' विश्व स्तरीय तकनीक है. इसके तहत 2 हजार किलोमीटर के रेल नेटवर्क को लाया जाएगा. इस कवच से ट्रेन की गति में सुधार आने के साथ-साथ दुर्घटनाओं को भी रोका जा सकेगा. गौरतलब है कि 'कवच' एक स्वदेशी तकनीक है. जिसे भारत मे विकसित किया गया है. इसे भारत सरकार के सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड सिस्टम ने विकसित किया है.

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