भोपाल: मध्यप्रदेश को पर्यटन की दृष्टि से सबसे बेहतर राज्य बनाने के लिए शिवराज सरकार भरसक प्रयास कर रही है. राज्य सरकार के मुताबिक पिछले 10 वर्षों में मध्यप्रदेश आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है. इसी को बरकरार रखने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने भोपाल स्थित ताजमहल, बेनजीर महल और ग्वालियर के मोती महल को हेरिटेज होटल के रूप में विकसित करने का फैसला किया है.
पर्यटन विभाग के मुख्य सचिव हरिरंजन राव ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि ताजमहल को लीज पर दिया गया है. साथ ही बेनजीर महल, मोती महल और पन्ना के महेन्द्र भवन का मालिकाना हक भी पर्यटन विभाग को मिल गया है. इन्हें भी हेरिटेज होटल के रूप में विकसित किया जाएगा.
राव ने बताया है कि रीवा में गोविन्दगढ़ किले में रिनोवेशन का काम शुरू हो गया है. वर्ष 2019 के अंत तक यह हेरीटेज होटल बनकर तैयार हो जाएगा. भोपाल के बेनजीर महल के लिये निविदा जारी की जा रही है. मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग 6 हेरीटेज सम्पत्तियों को होटल और कन्वेशन सेंटर के रूप में बनाये जाने के लिये कार्य कर रहा है, जिसमें राजगढ़ पैलेस खजराहो, गोविन्दगढ़ किला, रीवा और भोपाल के ताजमहल को निविदा जारी कर संबधित एजेंसी को लीज पर उपलब्ध कराया जा चुका है.
माधवगढ़ किला सतना, राजगढ़ पैलेस दतिया, बेनजीर महल भोपाल के लिये जल्द ही निविदा जारी की जाएगी. महेन्द्रगढ़, पन्ना और मोती महल, ग्वालियर को हेरीटेज होटल में बदलने के लिये जल्द ही निविदा जारी होगी. पर्यटन विभाग के पास क्योटी किला रीवा, रॉयल होटल जबलपुर, विजयराघवगढ़ किला कटनी, श्योपुर किला श्योपुर, नरवर किला शिवपुरी, लुनेरा का सरायी मांडू, सबलगढ़ किला मुरैना और बल्देवगढ़ किला टीकमगढ़ हेरिटेज सम्पत्ति बैंक के रूप में उपलब्ध है। इनको भी हेरीटेज होटल के रूप में तब्दील करने की कार्यवाही की जा रही है.
पचमढ़ी में पर्यटन के सभी होटल हर मौसम में 90 प्रतिशत तक बुक रहे हैं. इसकी तुलना में अन्य राज्यों के पर्यटन होटल खाली रहे. मध्यप्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने में हेरीटेज होटल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. हेरीटेज सम्पत्ति बनने से प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में 25 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी संभावित है.