जम्मू: अमरनाथ यात्रा कड़ी सुरक्षा के बीच आज से शुरू हो गई है. बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जम्मू से यात्रियों का पहला जत्था रवाना हो गया है. श्रीनगर के लिए भक्तों का यह पहला जत्था भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुआ है. इस जत्थे को कल के दिन भगवान शिव के अद्भुत शिव लिंग के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा. दर्शन के दौरान आतंकी हमला न हो इसलिए सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है. खबरों के मुताबिकइस साल अमरनाथ यात्रा के लिए देशभर के विभिन्न भागों से 1.96 लाख लोगों ने रजिस्टर कराया है.
वहीं अगर सुरक्षा की बात करें तो इस बार चप्पे-चप्पे पर सेना के जवान आधुनिक हथियारों से लैस होकर तैनात रहेंगे. इस बार ड्रोन, मोटर साइकल स्क्वॉड की मदद ली जा रही है. इस बार पहली बार ऐसा होगा कि यात्रियों की बस के साथ सेना के जवान मोटर सायकल पर सेना आधुनिक हथियारों से तैनात होकर सुरक्षा प्रदान करेंगे. अगर कोई आतंकी हमला होता है तो तुरंत उनका मुंह तोड़ जवाब देंगे.
We are very happy that we are going for Amarnath Yatra. We don't fear anything here. All security arrangements are up to the mark. Every year there are improvements in the security: Amarnath Yatris pic.twitter.com/CfZLU9hGCS
— ANI (@ANI) June 27, 2018
सुरक्षा पर एक नजर
अमरनाथ यात्रा में खलल न पड़े इसलिए सुरक्षा के लिए तैनात कुल सुरक्षाकर्मियों की मौजूदा संख्या के अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की 213 कंपनियों को इस वर्ष यात्रा के लिए अलग से बुलाई गई हैं. सेना, अर्धसैनिक बलों, राज्य पुलिस और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के लगभग 40,000 सुरक्षाकर्मी यात्रा ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं. यात्रा के लिए पहली बार खुफिया अधिकारी सादी वर्दी में इलेक्ट्रॉनिक और मानव चौकसी करेंगे.
अमरनाथ यात्रा में पहली बार रेडियो फ्रिक्वेंसी लगे यात्रा वाहन, ड्रोन के जरिए निगरानी और कमांडो के मोटरसाइकिल दस्ते यात्रा मार्ग पर तैनात सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिसकर्मियों की मदद के लिए तैनात किए जा रहे हैं. वार्षिक यात्रा का प्रबंधन करने वाला श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड एसएएसबी ने इस वर्ष प्रत्येक मार्ग से हर रोज 7,500 यात्रियों को ही छोड़ने का निर्णय लिया है. इसमें हालांकि हेलीकॉप्टर सेवा के जरिए गुफा तक पहुंचने वाले यात्री शामिल नहीं होंगे.
बता दें कि समुद्र तल से 12,756 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में बर्फ का शिवलिंग निर्मित होता है, जिसके दर्शन के लिए श्रद्धालु प्रतिवर्ष वहां उमड़ते हैं.