
अहमदाबाद, 7 जून : गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने शनिवार को राज्य के लोगों को आश्वस्त किया कि उन्हें कोरोना वायरस से बिल्कुल भी घबराने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि यह पूरी तरह से मामूली किस्म का वायरस है, जिसके गंभीर परिणाम देखने को नहीं मिलेंगे. उन्होंने कहा कि अगर आपको इस वायरस के संबंध में किसी भी प्रकार का लक्षण अपने शरीर में महसूस हो, तो आप बिना देर किए चिकित्सकीय सलाह लीजिए और जो भी आपको दवाई दी जाए, उसका सेवन कीजिए. लेकिन, आप इस बात को लेकर बिल्कुल निश्चिंत रहिए कि इस वायरस से आगे चलकर राज्य में किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति पैदा होगी.
उन्होंने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि आप लोग किसी भी बात की चिंता मत कीजिए. अगर इस वायरस से आगे चलकर किसी भी प्रकार की चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा होती है, तो मैं एक बात आप सभी से स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि सरकार के पास इससे निपटने के लिए पूरे संसाधन हैं, लिहाजा आपको घबराने की जरूरत नहीं है. वहीं, देशभर में कोरोना के 5755 सक्रिय केस सामने आए हैं. साथ ही, बीते 24 घंटे में 4 लोगों की मौत भी हुई है. गुजरात में वैसे तो कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. लेकिन, राहत की बात यह है कि 461 सक्रिय मामलों में से केवल 20 मरीज वर्तमान में अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं, जबकि 441 घर पर ठीक हो रहे हैं. यह भी पढ़ें : पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह से संबंधित संदिग्ध अकाउंट के बारे में ‘टिंडर’ से जानकारी मांगी
अहमदाबाद में सबसे ज्यादा 241 सक्रिय मामले सामने आए हैं. यह राज्य के कुल मामलों का आधे से भी अधिक है. देशभर के सक्रिय मामलों में से 10 प्रतिशत सिर्फ गुजरात में हैं. राज्य स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से पता चलता है कि हल्के लक्षणों वाले ज्यादातर कोविड-19 मरीजों का इलाज घर पर ही किया जा रहा है. अस्पताल में भर्ती होने की व्यवस्था मुख्य रूप से गंभीर लक्षणों वाले मरीजों के लिए आरक्षित है. स्वास्थ्य अधिकारियों को विशेष रूप से अहमदाबाद जैसे शहरी केंद्रों में, जहां अधिकांश मामले केंद्रित हैं, उच्च अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं.
राज्य ने परीक्षण बढ़ा दिया है और स्थानीय स्वास्थ्य निगरानी टीमों के माध्यम से क्लस्टरों की निगरानी कर रहा है. जिन जिलों में मामले बढ़ रहे हैं, वहां अस्पतालों को अलग से वार्ड तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं. सिविल अस्पतालों और जिला स्वास्थ्य केंद्रों को आपातकालीन जरूरतों के लिए ऑक्सीजन बेड और आईसीयू तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जागरूकता अभियान फिर से शुरू किए गए हैं. नागरिकों से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने और अनावश्यक भीड़-भाड़ से बचने के लिए आग्रह किया गया है.