धुले, 13 मार्च : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि देश में बेरोजगारी, महंगाई और 'भागीदारी' ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिनका देशवासी सामना कर रहे हैं. उन्होंने केंद्र सरकार पर इन महत्वपूर्ण मुद्दों से देश की जनता का ध्यान भटकाने का आरोप लगाया. अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान महाराष्ट्र के धुले जिले के दोंडाइचा गांव में लोगों से बातचीत करते हुए गांधी ने कहा कि देश में जाति आधारित जनगणना कराना एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम साबित होगा. राहुल गांधी के साथ ही उनकी पार्टी का कहना है कि यदि वे सत्ता में आते हैं तो देश में जाति आधारित जनगणना कराएंगे. उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना के बाद आर्थिक और वित्तीय सर्वेक्षण अगला कदम होगा जिससे दलितों, सामान्य वर्ग के गरीब लोगों, अल्पसंख्यकों और आदिवासियों को यह पता चल सकेगा कि वे कहां खड़े हैं.
उन्होंने कहा कि देश की जनता को बेरोजगारी, महंगाई और भागीदारी जैसे मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है. राहुल गांधी ने यह दावा किया कि मीडिया, निर्वाचन आयोग, प्रशासन, निजी अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों जैसे क्षेत्रों में सामान्य वर्ग के गरीबों, दलितों, आदिवासियों या अल्पसंख्यकों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अमीरों के 16 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिये हैं तो वह किसानों का बकाया माफ क्यों नहीं कर सकती? पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि देश में 22 लोग ऐसे हैं जिनके पास 70 करोड़ लोगों के बराबर संपत्ति है. यह भी पढ़ें :Ranchi: भालू को मारकर मांस खाने के आरोप में एक आरोपी को किया गिरफ्तार
उन्होंने कहा, "पचास फीसदी आबादी के पास देश की तीन फीसदी संपत्ति है, जबकि देश में 22 लोग ऐसे हैं जिनके पास 50 फीसदी से ज्यादा संपत्ति है. चूंकि आप सवाल नहीं पूछते हैं, इसलिए केंद्र सरकार आसानी से आपका ध्यान भटका देती है.'' सशस्त्र बलों में सैनिकों को अल्पकालिक तौर पर शामिल करने की केंद्र की अग्निपथ योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अग्निवीरों को शहीद का दर्जा या पेंशन नहीं मिलेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पेंशन और सैनिकों के प्रशिक्षण पर खर्च होने वाली राशि को निजी कंपनियों के रक्षा व्यवसाय में लगाना चाहती है. राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ अपने आखिरी चरण में मंगलवार को महाराष्ट्र पहुंची. यात्रा का समापन 17 मार्च को मुंबई में होगा.