
मुंबई, 26 मार्च विदेशी कोषों का निवेश फिर से बढ़ने से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपये शुरुआती नुकसान से उबरकर कारोबार के अंत में तीन पैसे की तेजी के साथ 85.69 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा डीलरों ने कहा कि नकदी की कमी, जवाबी शुल्क के कार्यान्वयन पर चिंता और आयातकों की ओर से मासांत की डॉलर मांग के कारण रुपये पर दबाव है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.71 पर खुला और फिर डॉलर के मुकाबले 85.68 के उच्चस्तर और 85.98 के निचले स्तर को छू गया। डॉलर के मुकाबले रुपया अंत में 85.69 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से तीन पैसे की बढ़त है।
मंगलवार को रुपये में सात सत्रों से चली आ रही तेजी थम गई थी और डॉलर के मुकाबले यह 11 पैसे की गिरावट के साथ 85.72 पर बंद हुआ।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘मंगलवार को थोड़े समय के ठहराव के बाद भारतीय रुपये में मजबूती आई, जो विदेशी कोषों के प्रवाह में फिर से उछाल के कारण हुआ। इसके अलावा, विदेशी बैंकों और निर्यातकों ने बाजार में डॉलर की आपूर्ति बढ़ाकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’’
परमार ने कहा कि हालांकि, वित्त वर्ष के अंत से पहले बाजार प्रतिभागियों द्वारा आवश्यक समायोजन किए जाने के कारण सौदे का आकार कम रहा।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि भू-राजनीतिक जोखिम - गाजा में इजरायल के हमले से लेकर ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर अमेरिकी हवाई हमलों तक - अमेरिकी डॉलर जैसी सुरक्षित परिसंपत्तियों की मांग को बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला से तेल और गैस खरीदने वाले देशों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की धमकी दी है। इससे ब्रेंट क्रूड की कीमतों में उछाल आया है।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.03 प्रतिशत की तेजी के साथ 104.21 हो गया।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.63 प्रतिशत बढ़कर 73.48 डॉलर प्रति बैरल रहा।
घरेलू शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स 728.69 अंक घटकर 77,288.50 अंक पर, जबकि निफ्टी 181.80 अंक के नुकसान के साथ 23,486.85 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को शुद्ध रूप से 5,371.57 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
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