
चंडीगढ़, 13 अप्रैल पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में श्रद्धालुओं ने रविवार को बैसाखी के अवसर पर गुरुद्वारों में मत्था टेका।
लाखों श्रद्धालुओं ने अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर, आनंदपुर साहिब स्थित श्री केसगढ़ साहिब, बठिंडा स्थित तख्त दमदमा साहिब और पटियाला स्थित दुख निवारण साहिब सहित अन्य गुरुद्वारों में मत्था टेका।
बैसाखी का त्योहार 10वें सिख गुरु गोबिंद सिंह द्वारा ‘खालसा पंथ’ (सिख संप्रदाय) की स्थापना के दिवस का भी प्रतीक है। बैसाखी फसल कटाई के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है।
पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने बैसाखी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
राज्यपाल ने कहा कि सिख धर्म के गौरवशाली इतिहास में इस अवसर का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन गुरु गोबिंद सिंह ने मुगलों के अत्याचार के खिलाफ लड़ने और मानवीय और धर्मनिरपेक्ष लोकाचार की रक्षा के लिए श्री आनंदपुर साहिब में ‘खालसा संप्रदाय’ की स्थापना की थी और इसके लिए अपने पूरे परिवार का बलिदान दिया था।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ‘खालसा साजना दिवस’ और ‘बैसाखी’ के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपनी पत्नी के साथ पटियाला स्थित दुख निवारण गुरुद्वारे में मत्था टेका।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी बैसाखी के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं और पंजाब के आनंदपुर साहिब स्थित गुरुद्वारे में मत्था टेका।
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