Kerala: केरल सरकार वायनाड में राहत, पुनर्वास के लिए केंद्रीय धन का उपयोग करने में विफल रही; भाजपा
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तिरुवनंतपुरम, 8 दिसंबर : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को केरल की वाम सरकार पर वायनाड भूस्खलन के पीड़ितों के राहत और पुनर्वास के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ में केंद्रीय धन का उपयोग करने में विफल रहने और केंद्र सरकार के खिलाफ फर्जी प्रचार करने का आरोप लगाया. भाजपा ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) के माध्यम से केरल को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया, ‘‘पिनराई विजयन सरकार उपलब्ध धनराशि को दबाए बैठी है और केंद्र पर दोष मढ़ रही है.’’

उन्होंने तीखा प्रहार करते हुए कहा कि केंद्र ने एसडीआरएफ के माध्यम से इस उद्देश्य के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए हैं, जिसमें पहले से ही लगभग 700 करोड़ रुपये मौजूद है. जावड़ेकर ने कहा, ‘‘राज्य आपदा कोष में 700 करोड़ रुपये का उपयोग करने में विफल रहा है. दुनिया भर के लोगों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिया है.’’ जावड़ेकर ने कहा कि इसका भी इस्तेमाल नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि यह लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) का पाखंड है और उनके झूठे प्रचार का पर्दाफाश हो गया है. वायनाड में राहत पुनर्वास को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ उच्च न्यायालय द्वारा हाल में की गई आलोचना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ एलडीएफ और विपक्षी यूडीएफ का झूठ अदालत में उजागर हो गया है. यह भी पढ़ें : केरल में सुरक्षित क्षेत्र परियोजना सफल, सबरीमला मार्ग पर सड़क दुर्घटनाओं में कमी

केरल उच्च न्यायालय ने शनिवार को राज्य सरकार और उसके आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) की आलोचना करते हुए कहा कि वायनाड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास के संबंध में धनराशि के बारे में उनके आंकड़े ‘‘गलत’’ हैं. हालांकि, राज्य सरकार ने वहां की समस्याओं के समाधान के लिए विशेष पैकेज और अतिरिक्त सहायता की अपनी मांग दोहराई है. राज्य के राजस्व मंत्री के राजन ने कहा कि एसडीआरएफ में जो भी राशि है, मौजूदा मानदंडों के कारण उसमें से खर्च करने पर प्रतिबंध हैं, इसलिए भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के विशिष्ट मुद्दों को इससे हल नहीं किया जा सकता है.