विदेश की खबरें | अदन की खाड़ी से गुजर रहे जहाज पर हूती विद्रोहियों का हमला
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

उन्होंने बताया कि यह इजराइल द्वारा हमास नेता इस्माइल हनिया को निशाना बनाए जाने के बाद समूह का संभवत: पहला हमला है। हनिया को हूती विद्रोहियों का मुख्य वित्त पोषक माना जाता था। हालांकि, हूती विद्रोहियों ने अभी इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

हूती विद्रोहियों ने लाल सागर गलियारे से गुजरने वाले जहाजों पर अपने हमलों में दो हफ्ते के विराम का कोई कारण नहीं बताया है। पिछले साल नवंबर में गाजा पट्टी में हमास पर इजराइल की जवाबी कार्रवाई के बाद भी क्षेत्र में हूती विद्रोहियों के हमले में इसी तरह का विराम देखने को मिला था।

अदन की खाड़ी में मालवाहक जहाज पर हमला तेहरान में इजराइल के संदिग्ध हवाई हमले में हमास नेता हनिया की मौत के बाद हुआ है।

अधिकारियों ने बताया कि हमला अदन से लगभग 225 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में अदन की खाड़ी के उस हिस्से में हुआ, जहां हूती विद्रोही पहले भी कई जहाजों को निशाना बना चुके हैं।

ब्रिटिश सेना के ‘यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस सेंटर (यूकेएमटीओ)’ के बयान के मुताबिक, जहाज पर तैनात एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि जहाज को एक मिसाइल से निशाना गया, लेकिन इससे “आग लगने, पानी भरने या तेल का रिसाव होने की कोई सूचना नहीं है।” यूकेएमटीओ पश्चिम एशिया में हमलों की जानकारी उपलब्ध कराता है। उसने मिसाइल हमले के शिकार जहाज का कोई विवरण साझा नहीं किया।

निजी सुरक्षा कंपनी ‘आम्ब्रे’ ने भी अदन की खाड़ी में मालवाहक जहाज पर हमले की खबर दी। उसने संकेत दिया कि अदन की खाड़ी में लाइबेरिया के झंडे वाले मालवाहक जहाज ‘ग्रोटन’ को निशाना बनाया गया, जो संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के फुजैरा से सऊदी अरब के जेद्दा के लिए रवाना हुआ था। हालांकि, ‘ग्रोटन’ के यूनानी प्रबंधकों ने घटनाक्रम पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

हूती विद्रोहियों ने हमले की फिलहाल जिम्मेदारी नहीं ली है। उन्होंने पिछले कुछ महीनों में लाल सागर गलियारे में 70 से अधिक जहाजों को मिसाइल और ड्रोन से निशाना बनाया है, जिनमें कुल चार नौसैनिक मारे गए हैं। हूती विद्रोहियों ने एक जहाज पर कब्जा कर लिया और दो अन्य को डूबा दिया। अमेरिका नीत गठबंधन ने क्षेत्र में हूती विद्रोहियों के कई हमलों को नाकाम भी किया।

हूती विद्रोहियों का कहना है कि वे इजराइल, अमेरिका और ब्रिटेन से जुड़े जहाजों को निशाना बनाते हैं, ताकि गाजा पट्टी में इजराइल-हमास युद्ध समाप्त करने का दबाव बनाया जा सके लेकिन कई ऐसे जहाजों पर भी हमला किया गया है, जिनका इन देशों से कोई संबंध नहीं है।

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