नयी दिल्ली: सरकार (Government) ने आयात-निर्यात कोड (IEC) धारक को एक वित्त वर्ष में 10 करोड़ रुपये की ब्याज अनुदान सीमा तय कर दी है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने बृहस्पतिवार को एक सूचना में कहा कि किसी वित्त वर्ष में एक आईईसी धारक को अधिकतम 10 करोड़ रुपये की शुद्ध अनुदान राशि दी जाएगी.
चालू वित्त वर्ष के लिए एक आईईसी को एक अप्रैल से किए गए सारे भुगतान की गणना की जाएग. रिजर्व बैंक ने मार्च, 2022 में एमएसएमई निर्यातकों के लिए निर्यात के पहले एवं बाद में रुपये में क्रेडिट की ब्याज समतामूलक योजना को मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया था. New Parliament Inauguration Schedule: नए संसद भवन के उद्घाटन का पूरा शेड्यूल आया सामने, हवन-पूजा कराएंगे विद्वान पंडित, खड़गे के संबोधन पर सस्पेंस
निर्यातकों को इस योजना के तहत सरकार से सब्सिडी मिलती है. योजना के तहत एमएसएमई निर्यातकों के लिए ब्याज समतामूलक दरों को संशोधित कर दो प्रतिशत एवं तीन प्रतिशत कर दिया गया है. आयात-निर्यात कोड (आईईसी) देश में वस्तुओं के आयात एवं निर्यात के लिए जरूरी दस्तावेज है.
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