
मुंबई में मानसून आते ही सड़कों की हालत एक बार फिर खराब हो गई है. बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) को पिछले एक महीने में 3,018 गड्ढों की वैध शिकायतें मिली हैं, जिनमें से 474 गड्ढों की मरम्मत अब तक नहीं हुई है. इन शिकायतों में नागरिकों द्वारा दर्ज की गई शिकायतें और रोड इंजीनियरों द्वारा निरीक्षण के दौरान पाए गए गड्ढे शामिल हैं. बता दें कि BMC ने 11 जून को 'Pothole QuickFix' नाम से एक नया मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जिससे नागरिक गड्ढों की शिकायतें आसानी से दर्ज कर सकते हैं.
साथ ही एक व्हाट्सएप चैटबॉट भी शुरू किया गया है, ताकि प्रक्रिया सरल हो सके. 227 उप-इंजीनियरों को वार्ड स्तर पर नियुक्त किया गया है, जो रोजाना निरीक्षण कर गड्ढों की पहचान और 48 घंटे में मरम्मत सुनिश्चित करते हैं.
वॉचडॉग फाउंडेशन के गॉडफ्रे पिमेंटा ने शिकायत की कि अंधेरी ईस्ट के सहार रोड पर गड्ढों की शिकायत की गई, लेकिन BMC और MIAL (मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे. उन्होंने कहा, "इस तरह के ब्लेम गेम का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है."
बारिश के बाद गड्ढे दोबारा लौटे
फाइट फॉर राइट फाउंडेशन के विनोद घोलप का कहना है, "बारिश के बाद कई सड़कों पर गड्ढे दोबारा नजर आ रहे हैं. उम्मीद है कि सभी सड़कों के कंक्रीट होने के बाद स्थिति में सुधार आएगा."
सड़क कंक्रीटीकरण से गड्ढों में आई कमी
एक वरिष्ठ BMC अधिकारी ने बताया कि पिछले 6 वर्षों में गड्ढों की संख्या 92,000 से घटकर 32,000 रह गई है. साथ ही मरम्मत लागत में भी गिरावट आई है, जो यह दर्शाता है कि सड़क कंक्रीटीकरण ने अहम भूमिका निभाई है. इस मानसून में गड्ढा मरम्मत के लिए 154 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जो पिछले साल के 205 करोड़ रुपये से कम है.
17,733 करोड़ रुपये की मेगा योजना
जून 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई को "गड्ढा-मुक्त" बनाने के लिए एक मेगा रोड कंक्रीटीकरण योजना की घोषणा की थी. इस योजना के तहत पहले चरण में 320 किमी (700 सड़कें), दूसरे चरण में 378 किमी (1,421 सड़कें) कुल 700 किमी सड़कों को कंक्रीट करने के लिए ₹17,733 करोड़ के ठेके दिए गए. 9 ठेकेदार नियुक्त किए गए 4 पहले चरण के लिए और 5 दूसरे चरण के लिए.