‘Bully Bye’ App Cases: मुंबई पुलिस का बड़ा बयान, कहा- गुमराह करने के लिए सिख नामों का इस्तेमाल किया गया
मुंबई पुलिस (Photo Credit : PTI)

मुंबई: मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने बुधवार को कहा कि मुस्लिम महिलाओं (Muslim Women) को निशाना बनाने वाले 'बुली बाई' ऐप (Bully Bye App ) के प्रचार में शामिल लोगों ने गुमराह करने के लिए ट्विटर (Twitter) हैंडल पर सिख समुदाय (Sikh Community) से जुड़े नामों का इस्तेमाल किया. पुलिस ने एक विज्ञप्ति में कहा कि इससे सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता था और तीन आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी से यह टल गया. इससे पहले, मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले (Hemant Nagrale) ने संवाददाताओं से कहा था कि पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि ऐसे उपनामों का इस्तेमाल क्यों किया गया. Bully bye App Controversy: बेंगलुरू में इंजीनियरिंग के छात्र को हिरासत में लिया गया

शाम को जारी पुलिस विज्ञप्ति में कहा गया, "सिख समुदाय से संबंधित नामों का इस्तेमाल यह दिखाने के लिए किया गया कि ये ट्विटर हैंडल उस समुदाय के लोगों द्वारा बनाए गए हैं." इसमें कहा गया है कि जिन महिलाओं को निशाना बनाया गया, वे मुस्लिम थीं, इसलिए ऐसी संभावना थी कि इससे "दो समुदायों के बीच दुश्मनी" पैदा हो सकती थी और "सार्वजनिक शांति भंग" हो सकती थी.

पुलिस ने कहा, "चूंकि आरोपियों को समय पर गिरफ्तार कर लिया गया", इससे समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा होने की स्थिति टल गई. विज्ञप्ति में कहा गया है कि गिटहब प्लेटफॉर्म पर होस्ट किए गए ऐप के माध्यम से "वर्चुअल नीलामी" के लिए महिलाओं की तस्वीरें प्रदर्शित की गईं और यह ‘सुल्ली डील्स’ ऐप मामले के समान था जो छह महीने पहले सामने आया था.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऐप के ट्विटर हैंडल पर दी गई जानकारी में दावा किया गया है कि इसका निर्माता "केएसएफ खालसा सिख फोर्स" है, जबकि एक अन्य ट्विटर हैंडल, "खालसा सुप्रीमैसिस्ट" इसका फॉलोअर था.

तकनीकी विश्लेषण के दौरान, पुलिस ने दयानंद सागर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, बेंगलुरु के सिविल इंजीनियरिंग द्वितीय वर्ष के छात्र विशाल कुमार झा (21) को इसमें शामिल पाया. विज्ञप्ति में कहा गया है कि झा द्वारा कथित तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले खालसा सुप्रीमैसिस्ट हैंडल में यूजर की लोकेशन कनाडा बताई गई है.

इसमें कहा गया है कि वह "तवस्या वत्स" नामक एक यूट्यूब चैनल भी चलाता था. पुलिस ने उसके पास से एक मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड और एक लैपटॉप बरामद किया है. इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीटीआई- को बताया कि ऐप का ट्विटर हैंडल 'मुख्य आरोपी' श्वेता सिंह (18) द्वारा बनाया गया था, जिसे उत्तराखंड के रुद्रपुर से गिरफ्तार किया गया है.

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