
वॉशिंगटन, डीसी: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय छात्रों की भूमिका की जमकर सराहना की है. उन्होंने कहा कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में भारतीय छात्रों का बड़ा योगदान है. आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में पढ़ रहे 3 लाख से अधिक भारतीय छात्र हर साल अमेरिकी अर्थव्यवस्था में $8 बिलियन (लगभग 66,000 करोड़ रुपये) का योगदान देते हैं और हजारों प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन करते हैं.
भारतीय टैलेंट का जलवा, ट्रंप भी हुए प्रभावित
ट्रंप ने भारतीय छात्रों की मेधा और मेहनत की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी उपस्थिति ने अमेरिका के शिक्षा, शोध और तकनीकी क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. उन्होंने यह भी माना कि भारतीय टैलेंट ने न केवल अमेरिका की कंपनियों को आगे बढ़ाया, बल्कि वैश्विक स्तर पर अमेरिका की प्रतिस्पर्धा शक्ति को भी मजबूत किया.
मोदी-ट्रंप की नई शिक्षा पहल, अब भारत में भी खुलेंगे अमेरिकी कॉलेज
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका और भारत के बीच शिक्षा क्षेत्र में और गहरा सहयोग बढ़ाने की दिशा में बड़ी पहल की है. दोनों नेताओं ने संयुक्त डिग्री प्रोग्राम, एजुकेशन एक्सचेंज और भारत में अमेरिकी यूनिवर्सिटी के ऑफशोर कैंपस खोलने की संभावनाओं पर सहमति जताई है. यह कदम भारतीय छात्रों को वैश्विक स्तर की शिक्षा अपने ही देश में दिलाने के साथ-साथ अमेरिका-भारत के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाएगा.
President Trump and Prime Minister Modi noted the importance of advancing the people-to-people ties between the two countries. In this context, they noted that the more than 300,000 strong Indian student community contributes over $8 billion annually to the U.S. economy and…
— ANI (@ANI) February 14, 2025
भारतीय छात्रों से चमकता अमेरिका, दुनिया भर में बढ़ी मांग
आज भारतीय छात्र सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि दुनिया के हर बड़े देश में अपनी मेधा का लोहा मनवा रहे हैं. अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनियों, स्टार्टअप्स और शोध संस्थानों में भारतीयों का दबदबा है. भारतीय छात्रों की बदौलत अमेरिका को नई प्रतिभाओं का लाभ मिल रहा है, जिससे नवाचार और तकनीकी विकास को रफ्तार मिल रही है.
शिक्षा और शोध में भारत-अमेरिका की नई दोस्ती
दोनों देशों ने फैसला किया है कि वे मिलकर शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल करेंगे. संयुक्त अनुसंधान केंद्र, छात्रवृत्ति कार्यक्रम और फैकल्टी एक्सचेंज जैसे कदम भारतीय छात्रों के लिए वैश्विक अवसरों को बढ़ाने का काम करेंगे. ट्रंप और मोदी के इस ऐतिहासिक फैसले से भारतीय छात्रों के लिए नए दरवाजे खुलेंगे और भारत-अमेरिका की दोस्ती और मजबूत होगी.