इस्लामाबाद: पाकिस्तान एक बार फिर कंगाल होने की कगार पर है. आतंकियों के लिए स्वर्ग साबित हो चूका पाकिस्तान अब चीन से पैसे मांग रहा है. जानकारी के मुताबिक इस्लामाबाद ने एक बार फिर चीन से 1-2 अरब डॉलर यानी करीब 68-135 अरब रुपयों के बीच ताजा कर्ज मांगा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन और उसके सरकारी बैंकों द्वारा पाकिस्तान को दिया गया कर्ज इस साल जून तक 5 अरब डॉलर तक पहुंचने वाला है. पाकिस्तान एक बार फिर साल 2013 जैसे आर्थिक संकट की स्थिति में पहुंच गया है. पाकिस्तान की आर्थिक विकास दर 4.7 प्रतिशत हो गई है.
बता दें की पाकिस्तान द्वारा आतंकियों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं करने पर नाराज अमेरिका ने अपनी तरफ से दिए जानेवाले वित्तीय मदद में कटौती कर दिया. इसलिए चीन पर पाकिस्तान की निर्भरता और भी बढ़ रही है. चीन पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को सहारा देने के नाम पर लगातार दबदबा बढाता जा रहा है.
चीन अपनी महात्वाकांक्षी परियोजना बेल्ट ऐंड रोड के तहत बनाए जा रहे चाइना-पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) की आड़ में पाकिस्तान को श्रीलंका की तरह ही कर्ज के जाल में लगभग फंसा चुका है. बता दें की जनवरी में कर्ज के बोझ तले दबे श्रीलंका को अपना महत्वपूर्ण हंबनटोटा बंदरगाह चीन को 99 साल के लिए लीज पर देना पड़ा था.
पाकिस्तान के एक सरकारी अधिकारी ने डॉन से इस बात की पुष्टि की कि पाकिस्तान ने चीन के साथ 2 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त कर्ज के लिए बातचीत कर रहा है. हालांकि, चीन की तरफ से इसको लेकर अबतक कोई बयान जारी नहीं किया गया है.
पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था की वजह से डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी मुद्रा लगातार कमजोर हो रही है. शुक्रवार को एक डॉलर की तुलना में पाकिस्तानी रुपये की कीमत 119.05 तक पहुंच गई. पिछले 3 सप्ताह में पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में 1.2 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है. अब हाल इस कदर तक खराब हो गया है की पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ दो महीनों तक आयात को बोझ थाम सकता है.