पाकिस्तान (Pakistan) सरकार ने 12 नवंबर को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती ( 550th Birth Anniversary of Guru Nanak Dev ji) के दिन करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) आने वाले भारतीय सिख श्रद्धालुओं को पासपोर्ट को अनिवार्य कर दिया है. पाकिस्तान (Pakistan) ने दरअसल एक बार फिर से अपनी जुबान से फिर गया है. पाक मीडिया के अनुसार पाकिस्तानी सेना के आधिकारिक प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने यह बात कही है. इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुद ट्वीट कर कहा था कि कि सिख श्रद्धालुओं को यहां आने के लिए पासपोर्ट (Pass Port) की जरूरत नहीं पड़ेगी. पाकिस्तान की तरफ से कहा गया है कि यहां आने के लिए बस एक वैलिड आईडी की जरूरत होगी. इसके साथ ही उन्हें अब 10 दिन पहले रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
लेकिन अचानक पाक के इस फैसले से एक बार फिर साबित हो गया कि वो कब अपनी जुबान से फिर जाएंगे इसका भरोसा नहीं किया जाकता है. क्योंकि पाकिस्तान के पीएम के ऐलान के बाद यह यू टर्न लिया गया है. बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर के उद्धाटन से पहले पाकिस्तान की सरकार ने एक वीडियो सॉन्ग रिलीज किया था, जिसमें खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले व कई अन्य नेताओं के पोस्टर नजर आए थे. भारत के गुरदासपुर में स्थित डेरा बाबा नानक मंदिर और पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित दरबार साहिब गुरुद्वारे को आपस में जोड़ता है, जिसे जल्द ही भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा.
इमरान खान ने किया था ऐलान
For Sikhs coming for pilgrimage to Kartarpur from India, I have waived off 2 requirements: i) they wont need a passport - just a valid ID; ii) they no longer have to register 10 days in advance. Also, no fee will be charged on day of inauguration & on Guruji's 550th birthday
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) November 1, 2019
अब पाकिस्तान ने मारी पलटी
Pakistan media: Military spokesman Major General Asif Ghafoor has said that Indian Sikh pilgrims would require a passport to use #KartarpurCorridor pic.twitter.com/XCTdwNwcxM
— ANI (@ANI) November 7, 2019
ऐसी होगी व्यवस्था
भारत और दुनियाभर से आ रहे सिख तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए करतारपुर कॉरिडोर में 80 काउंटर लगाए हैं, ताकि पवित्र तीर्थस्थल व सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के अंतिम विश्राम स्थल के दर्शन में उन्हें किसी असुविधा का सामना न करना पड़े. रोज अधिकतम 5,000 तीर्थयात्रियों को संभालने का काम करेगी. आगमन पर उनके पासपोर्ट्स को स्कैन किया जाएगा और इसके बाद उन्हें एक स्पेशल बस से गुरुद्वारा दरबार साहिब ले जाया जाएगा, जिसमें उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान रेंजर्स के दस्ते तैनात होंगे. भारत और पाकिस्तानी दोनों ही देशों के श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा दरबार साहिब के अंदर प्रवेश करने से पहले बायोमेट्रिक स्कैनिंग की प्रक्रिया में से होकर गुजरना पड़ेगा.