Afghanistan: तालिबान ने अब महिलाओं के सार्वजनिक स्थानों पर बोलने पर लगाया प्रतिबंध, पढ़ना और गाना भी मना
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अफगानिस्तान में तालिबान शासकों ने एक बार फिर महिलाओं के खिलाफ फरमान सुनाया है. तालिबान ने महिलाओं के खिलाफ एक नया सख्त कानून लागू किया है. इस्लामी शासन के तहत बुधवार को जारी किए गए इन नए नियमों के अनुसार, महिलाओं को गाने, पढ़ने या सार्वजनिक रूप से बोलने की अनुमति नहीं होगी. ये नियम सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा की मंजूरी के बाद लागू किए गए हैं. तालिबान शासकों ने नए कानूनों के तहत सार्वजनिक रूप से महिलाओं के बोलने पर प्रतिबंध लगा दिया है. नए कानूनों के तहत महिलाओं को अब अपना चेहरा ढककर रखना होगा.

तालिबान राज में अब महिलाएं सार्वजनिक रूप से गा, पढ़ या कुछ बोल नहीं पाएंगी. तालिबान द्वारा महिलाओं पर थोपे जा रहे ये नए नियम अफगानिस्तान में महिलाओं के जीवन को कठिन बना रहे हैं. कानून का पालन नहीं करने पर चेतावनी या गिरफ्तारी जैसे दंड दिए जाएंगे.

तालिबान ने महिलाओं की आवाज़ को 'अंतरंग' मानते हुए इसे गाने, पढ़ने, या सार्वजनिक रूप से बोलने के लिए अनुचित ठहराया है. नए नियमों के अनुसार, महिलाओं को गैर-मुस्लिम पुरुषों और महिलाओं के सामने भी खुद को ढंकना अनिवार्य होगा ताकि वे किसी बुराई का शिकार न हो सकें. इसके साथ ही, महिलाओं को उन पुरुषों को देखने की अनुमति नहीं है जिनसे उनका खून या शादी का रिश्ता नहीं है, और इसके विपरीत भी यही नियम लागू होता है.

इन नए नियमों में अनुच्छेद 13 महिलाओं से संबंधित है. इस अनुच्छेद के अनुसार, महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थानों पर हमेशा अपने शरीर को ढंकना अनिवार्य है और चेहरे को ढंकना आवश्यक है ताकि किसी भी प्रकार का प्रलोभन न हो.

तालिबान के उप प्रमुख मौलवी अब्दुल गफार फारूक ने गुरुवार को कहा, "इंशाल्लाह, हम आपको आश्वस्त करते हैं कि यह इस्लामी कानून सद्गुण को बढ़ावा देने और बुराई को समाप्त करने में बहुत मददगार साबित होगा."