
नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले नए टैरिफ के बीच चीन ने भारतीय उत्पादों की खरीद बढ़ाने और व्यापारिक सहयोग को मजबूत करने की इच्छा जताई है. चीन ने कहा है कि वह भारत के सबसे ज्यादा प्रोडक्ट्स का आयात करेगा. दरअसल अमेरिका ने चीन पर टैरिफ (US-China Tariff) लगाने का ऐलान किया है, जो 2 अप्रैल यानी बुधवार से प्रभावी हो रहा है. ऐसे में चीन ने टैरिफ से बचने के लिए भारत की ओर कदम बढ़ाया है. चीन द्वारा व्यापारिक संबंधों को सुधारने का प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब भारत वैश्विक व्यापार व्यवस्था में अपनी स्थिति मजबूत करने के प्रयास कर रहा है.
चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने बुधवार को भारतीय कंपनियों को चीन में व्यापार के नए अवसर तलाशने के लिए आमंत्रित किया. चीनी राजदूत ने एक इंटरव्यू में कहा, "हम भारत के साथ व्यापारिक सहयोग को मजबूत करने और ऐसे भारतीय उत्पादों का आयात करने के लिए तैयार हैं, जो चीनी बाजार के अनुकूल हैं." इसके साथ ही उन्होंने भारतीय उद्यमों से चीन में निवेश करने और व्यापारिक साझेदारी के अवसरों को तलाशने का आग्रह किया.
चीनी राजदूत ने यह भी कहा कि चीन चाहता है कि भारत चीनी कंपनियों के लिए एक निष्पक्ष और पारदर्शी व्यापार माहौल बनाए, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और बढ़ावा मिल सके.
राजनयिक संबंधों को लेकर चीन का सकारात्मक संकेत
चीन के इस कदम से ठीक एक दिन पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बधाई संदेश भेजा था. उन्होंने भारत-चीन कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग की जरूरत पर जोर दिया था.
भारत और चीन 2020 में लद्दाख सीमा विवाद के बाद से अपने संबंध सुधारने की दिशा में काम कर रहे हैं. हालांकि, भारत ने चीनी निवेश पर कई प्रतिबंध लगाए हैं, जिन्हें अब तक हटाया नहीं गया है. लेकिन दोनों देशों ने जनवरी 2024 में प्रत्यक्ष उड़ानों को फिर से शुरू करने की दिशा में सहमति जताई थी.
अमेरिका के टैरिफ का वैश्विक व्यापार पर असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जल्द ही "लिबरेशन डे" टैरिफ की घोषणा करने वाले हैं, जिससे वैश्विक व्यापार प्रणाली पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि ये टैरिफ अमेरिका की अर्थव्यवस्था को नुकसान से बचाने और अमेरिकी उद्योगों को नया "स्वर्ण युग" देने के लिए लाए जा रहे हैं.
भारत, अमेरिका के साथ व्यापारिक मतभेदों को दूर करने और शुल्क विवादों को हल करने की दिशा में बातचीत कर रहा है. अमेरिका ने भारत को "टैरिफ किंग" कहा है, और ट्रंप सरकार भारतीय उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लगाने की योजना बना रही है.