What is Whaling Attack? व्हेलिंग अटैक, जिसे व्हेलिंग फ़िशिंग के नाम से भी जाना जाता है, एक तरह का साइबर हमला है. एक ऐसा ईमेल जो बेहद प्रोफेशनल दिखता है और किसी भरोसेमंद पार्टनर की तरफ से आया लगता है. लेकिन यह एक "व्हेलिंग अटैक" का हिस्सा हो सकता है, जो किसी कंपनी के डेटा और विश्वास पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है. व्हेलिंग अटैक फ़िशिंग का ऐसा रूप है, जो डिजिटल युग में एक बढ़ता हुआ खतरा बन चुका है.
व्हेलिंग अटैक आमतौर पर उच्च पदस्थ अधिकारियों या प्राधिकृत व्यक्तियों को निशाना बनाता है. यह साइबर अपराधी भरोसे का फायदा उठाकर संवेदनशील जानकारी प्राप्त करते हैं और कंपनियों को आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं.
व्हेलिंग अटैक क्या है?
व्हेलिंग अटैक एक प्रकार का स्कैम है, जिसमें साइबर अपराधी नकली ईमेल भेजते हैं. ये ईमेल अक्सर भरोसेमंद स्रोत (जैसे सहकर्मी, ग्राहक या पार्टनर) से आए हुए प्रतीत होते हैं. इन ईमेल्स में व्यक्तिगत जानकारियां शामिल होती हैं, जो इन्हें असली जैसा दिखाते हैं. इनमें लिंक हो सकते हैं, जो उपयोगकर्ता को नकली वेबसाइट पर ले जाते हैं या मालवेयर इंस्टॉल करने के लिए प्रेरित करते हैं.
कई बार इन ईमेल्स के जरिए संवेदनशील जानकारी (जैसे बैंक डिटेल्स, टैक्स डॉक्यूमेंट्स, पेरोल डेटा) साझा करने को कहा जाता है. कभी-कभी पीड़ित से नकली खातों में पैसे ट्रांसफर करने को कहा जाता है.
व्हेलिंग अटैक का मुख्य उद्देश्य पैसा चुराना, संवेदनशील डेटा हासिल करना, सिस्टम तक पहुंच बनाना और बड़े अपराधों को अंजाम देना
व्हेलिंग अटैक की पहचान कैसे करें?
व्हेलिंग अटैक को पहचानना आसान नहीं होता क्योंकि इसमें ईमेल और वेबसाइट को बेहद असली जैसा दिखाया जाता है. हालांकि, निम्नलिखित संकेतों से आप सतर्क हो सकते हैं:
ईमेल एड्रेस में मामूली बदलाव: उदाहरण के लिए, "m" को "rn" से बदल दिया जाता है. ईमेल में आपकी या आपकी कंपनी से जुड़ी जानकारी शामिल होती है. ईमेल में त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए दबाव डाला जाता है, जैसे "तुरंत पैसा ट्रांसफर करें, अन्यथा नुकसान होगा."
व्हेलिंग अटैक से कैसे बचें?
व्हेलिंग अटैक से बचने के लिए सतर्कता और मजबूत सुरक्षा उपाय अपनाना जरूरी है. नीचे कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए गए हैं:
ईमेल एड्रेस की जांच करें: भेजने वाले का ईमेल पता ध्यान से जांचें. डोमेन नाम में छोटे बदलावों पर गौर करें.
संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें: ईमेल के जरिए मांगी गई वित्तीय या गोपनीय जानकारी को साझा करने से पहले अन्य माध्यम से पुष्टि करें.
एंटी-स्पैम और एंटी-मैलवेयर टूल्स का उपयोग करें: ये उपकरण संदिग्ध ईमेल्स का पता लगाने में मदद करते हैं.
ईमेल प्रमाणन प्रोटोकॉल लागू करें
संदिग्ध ईमेल का पता लगाने के लिए एंटी-स्पैम, एंटी-मैलवेयर और ईमेल फ़िल्टरिंग टूल का उपयोग करें और वैध ईमेल को मान्य करने के लिए DMARC, DKIM और SPF जैसे प्रमाणीकरण प्रोटोकॉल लागू करें.