Guru Purnima 2025 Sanskrit Wishes: शुभ गुरु पूर्णिमा! अपने गुरुओं को इन संस्कृत Shlokas, WhatsApp Messages, Facebook Greetings के जरिए दें बधाई
गुरु पूर्णिमा 2025 (Photo Credits: File Image)

Guru Purnima 2025 Sanskrit Wishes: हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा (Guru Punrima) का पर्व मनाया जाता है, जिसे आषाढ़ पूर्णिमा (Ashadha Purnima), व्यास पूर्णिमा (Vyas Purnima) और वेद व्यास जयंती (Ved Vyas Jayanti) के नाम से भी जाना जाता है. इस साल 10 जुलाई 2025 को गुरु पूर्णिमा मनाई जा रही है. इस दिन गुरु पूजन और आशीर्वाद लेने का विशेष महत्व होता है. इस पावन अवसर पर शिष्य अपने गुरुओं को नमन करते हैं और अज्ञानता के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश तक लाने के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ पूर्णिमा के दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था, जिन्होंने पहली बार इस जगत को चारों वेदों का ज्ञान दिया था. महर्षि वेदव्यास को प्रथम गुरु की उपाधि दी गई है.

गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद पूजा स्थल पर विराजित सभी देवी-देवताओं को प्रणाम करना चाहिए. गुरु के अलावा इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है, इसके साथ की शुभकामना संदेश शेयर किए जाते हैं. इस अवसर पर आप इन विशेज, श्लोक, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए संस्कृत में शुभ गुरु पूर्णिमा कहकर बधाई दे सकते हैं.

1- ‎स्वगुरुं मां विजानीयान्नावमन्येत कर्हिचित्‌।
न मर्त्यबुद्ध्या सेवेत सर्वदेवमयो गुरुः॥

भावार्थ: अपने गुरु को ईश्वर ही जानना चाहिए और किसी भी प्रकार से उनका अनादर नहीं करना चाहिए.

उन्हें एक साधारण मनुष्य के रूप में नहीं समझना चाहिए, क्योंकि गुरु में सभी देवता समाए होते हैं.

गुरु पूर्णिमा 2025 (Photo Credits: File Image)

2- अज्ञानतिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जनशलाकया।

चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः॥

भावार्थ: ज्ञान की शलाका से जिसने अज्ञान के अंधकार से अंधे हो गए लोगों की आंखें खोलीं, उस गुरु को नमन.

गुरु पूर्णिमा 2025 (Photo Credits: File Image)

3- विद्वत्त्वं दक्षता शीलं संक्रान्तिरनुशीलनम्।

शिक्षकस्य गुणाः सप्त सचेतस्त्वं प्रसन्नता॥

भावार्थ: विद्या, दक्षता, अच्छा आचरण, पढ़ाने की कुशलता, अभ्यास, चेतना और अनुग्रह- शिक्षक के ये सात गुण हैं.

गुरु पूर्णिमा 2025 (Photo Credits: File Image)

4- प्रेरकः सूचकश्वैव वाचको दर्शकस्तथा।

शिक्षको बोधकश्वैव षडेते गुरवः स्मृताः॥

भावार्थ: जो प्रेरणा दे, सूचना दे, ज्ञान दे, मार्गदर्शन करे, शिक्षा दे और बोध कराए, ये छः गुरु माने गए हैं.

गुरु पूर्णिमा 2025 (Photo Credits: File Image)

5- विनयफलं शुश्रूषा गुरुशुश्रूषाफलं श्रुतं ज्ञानम्।

ज्ञानस्य फलं विरतिः विरतिफलं चाश्रवनिरोधः॥

भावार्थ: विनय का फल सेवा है, गुरुसेवा का फल ज्ञान है, ज्ञान का फल विरक्ति (स्थायित्व) है और विरक्ति का फल आश्रवनिरोध (बंधनमुक्ति तथा मोक्ष) है.

गुरु पूर्णिमा 2025 (Photo Credits: File Image)

गुरु पूर्णिमा के दिन वेदों के रचयिता वेदव्यास को प्रमाण करें और अगर आपने गुरु बना रखा है तो उनकी चरण वंदना करनी चाहिए. 'गुरु बिन ज्ञान न होहि' का सत्य भारतीय समाज का मूलमंत्र रहा है. इस धरती पर माता को बच्चे का सबसे प्रथम गुरु माना जाता है. गुरु की महत्ता बनाए रखने के लिए ही भारत में गुरु पूर्णिमा को गुरु पूजन या व्यास पूजन किया जाता है. इसके अलावा गुरु मंत्र प्राप्त करने के लिए भी इस दिन को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.