ED Raids In Betting Case: ऑनलाइन सट्टेबाजी और अवैध आईपीएल प्रसारण पर ईडी का शिकंजा, बड़ी कार्रवाई कर करोड़ों की संपत्ति जब्त
ED | Photo- X
ED Raids In Betting Case: मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2024 लोकसभा चुनाव के परिणामों पर सट्टेबाजी और आईपीएल क्रिकेट मैचों के अवैध प्रसारण से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नए सिरे से छापेमारी की है. इस कार्रवाई में मुंबई और गुजरात के कच्छ क्षेत्र में 25 अक्टूबर को करीब 4 करोड़ रुपये की नकदी, बैंक जमा, चांदी की सिल्लियां, डिजिटल उपकरण और संपत्ति से संबंधित कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं. ईडी के अनुसार, यह छापेमारी फेयरप्ले नामक वेबसाइट पर की गई, जिसे अवैध गतिविधियों में लिप्त पाया गया है. यह भी पढ़ें: रवींद्र जडेजा की छुट्टी? आईपीएल मेगा नीलामी से पहले चेन्नई सुपर किंग्स ने इन दिग्गजों को किया रिटेन, MS धोनी होंगे अनकैप्ड प्लेयर; रिपोर्ट
मामला: राजस्व में 100 करोड़ का नुकसान
बिजनेस स्टैंडर्ड्स की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला मुंबई पुलिस साइबर सेल द्वारा Viacom18 Media Pvt Limited की शिकायत पर दर्ज एफआईआर से उपजा है. शिकायत में Fairplay Sport LLC और अन्य पर 100 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व घाटे का आरोप लगाया गया है. ईडी की जांच में पाया गया कि वेबसाइट के संचालन में दुबई स्थित फेयरप्ले से जुड़े कई लोग तकनीकी और वित्तीय समर्थन दे रहे थे. वेबसाइट के पीछे मुख्य व्यक्ति कृष्ण लक्ष्मीचंद शाह बताए जा रहे हैं, जिन्होंने इसके संचालन के लिए Curacao, दुबई और माल्टा में कंपनियां पंजीकृत कराई हैं.
संपत्तियों पर शिकंजा, हाई-वैल्यू संपत्तियां भारत में खरीदी गईं
ईडी की जांच में सामने आया कि "फेयरप्ले" का संचालन दुबई से हो रहा था. इस दौरान उच्च मूल्य वाली अचल और चल संपत्तियों की भारत में खरीद की जानकारी सामने आई है, जिसकी कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है. ईडी ने बताया कि जून से अब तक इस मामले में तीन बार छापेमारी की गई है और इस कार्रवाई में अब तक 117 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त या फ्रीज की गई है.
एजेंसी का कहना है कि "फेयरप्ले" आईपीएल मैचों के अवैध प्रसारण और 2024 लोकसभा चुनाव के परिणामों सहित विभिन्न ऑनलाइन सट्टेबाजी गतिविधियों में लिप्त पाया गया है. इस प्रकरण के खुलासे ने अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क और मनी लॉन्ड्रिंग के जाल को उजागर कर दिया है, जिसमें बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी और संपत्ति की हेराफेरी की बात सामने आ रही है.