ओडिशा हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा कि जाति के आधार पर अपमान करने के इरादे के बिना, किसी झगड़े के दौरान जाति के नाम के साथ अचानक गाली देना अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (एससी / एसटी अधिनियम) के तहत एक अपराध नहीं होगा.

जस्टिस आरके पटनायक ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अपराधी द्वारा एससी/एसटी अधिनियम के तहत किए जाने वाले अपराध के लिए पीड़ित का अपमान करने या अपमानित करने का इरादा होना चाहिए.

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