Hybrid Rice: दक्षिण कोरियाई वैज्ञानिकों ने किया हाइब्रिड भोजन का आविष्कार, प्रोटीन बढ़ाने के लिए चावल के दाने में उगाया बीफ
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

Beef Grown in Rice Grains: दक्षिण कोरिया (South Korea) के वैज्ञानिकों (Scientists) ने पर्यावरण (Environment) पर बढ़ती जनसंख्या के प्रभाव का मुकाबला करने का एक तरीका ढूंढ निकाला है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि विशाल आबादी की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए खेती के लिए बड़े पैमाने पर भूमि की आवश्यकता होती है, लेकिन दक्षिण कोरियाई वैज्ञानिकों ने एक नए हाइब्रिड भोजन (Hybrid Food) का आविष्कार किया है, जिसमें चावल के दानों के अंदर उगाया गया गोमांस यानी बीफ (Beef) शामिल है. इस शोध का नेतृत्व योनसेई विश्वविद्यालय (Yonsei University) के बायोमोलेक्यूलर इंजीनियर सोह्योन पार्क (Biomolecular Engineer Sohyeon Park) ने किया था और इसे मैटर जर्नल में प्रकाशित किया गया था. प्रयोगशाला में संवर्धित भोजन मांस कीमा और चावल के एक अजीब संयोजन जैसा दिखता है, जिसे पोषण से भरपूर बताया गया है.

मिस पार्क ने साइंस अलर्ट के शोध के बारे में कहा कि चावल के दाने में बीफ उगाने से उसके पोषक तत्वों में बढ़ोत्तरी हुई है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह उत्पाद थोड़ा श्रमसाध्य है, लेकिन यह एक दिन भोजन के दबाव को कम कर सकता है. शोध दल ने चावल को इसलिए चुना, क्योंकि यह एक उत्कृष्ट आहार है, जिसमें 80 फीसदी स्टार्च और 20 फीसदी प्रोटीन व अन्य पोषक तत्व होते हैं.

अध्ययन के लिए, वैज्ञानिकों ने चावल के दानों को खाद्य-ग्रेड फिश जिलेटिन और फूड एंजाइम्स के साथ लेपित किया, ताकि कोशिकाओं को चावल से चिपकने और बढ़ने वाले सेलुलर सामग्री की मात्रा को अधिकतम करने में मदद मिल सके. इसके बाद उन्होंने चावल के दानों को गाय की मांसपेशियों और वसा स्टेम कोशिकाओं के साथ बोया, और उन्हें लगभग 11 दिनों तक पेट्री डिश में बढ़ने दिया. यह भी पढ़ें: Rare Case of Human Plague: ओरेगॉन में ह्यूमन प्लेग के दुर्लभ मामले की पहचान, स्वास्थ्य अधिकारियों ने पालतू बिल्ली से संक्रमण फैलने की जताई संभावना

खेती की अवधि के बाद, मिस पार्क और उनकी टीम ने चावल की संरचना और पोषण सामग्री का अध्ययन करने के लिए उसका परीक्षण किया. उन्होंने पाया कि गोमांस-चावल का संकर नियमित चावल की तुलना में अधिक मजबूत और अधिक भंगुर था.

उन्होंने यह भी पाया कि इस नए चावल में नियमित चावल की तुलना में काफी अधिक प्रोटीन और वसा की मात्रा थी. नए चावल में 8 प्रतिशत अधिक प्रोटीन और 7 प्रतिशत अधिक वसा पाया गया. शोधकर्ताओं ने कहा कि कुछ बदलावों से ‘मांसयुक्त चावल’ की पोषण संबंधी प्रोफाइल में और सुधार हो सकता है. इसके साथ ही यह पर्यावरण के अनुकूल और लागत प्रभावी होगा.