Fact Check: क्या नीदरलैंड ने प्राइमरी छात्रों के लिए भगवद गीता अनिवार्य कर दी थी? जानें वायरल न्यूज का सच
फेक न्यूज, (फोटो क्रेडिट्स: फाइल फोटो )

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि नीदरलैंड (Netherlands) में एक नए कानून के तहत पांचवीं कक्षा के डच (Dutch) छात्रों के लिए भगवद गीता की कक्षाएं अनिवार्य कर दी गई हैं. NewsMeter ने Google रिवर्स इमेज सर्च किया और 25 मई 2014 का एक ट्वीट पाया. ट्वीट में दो लड़कियों की तस्वीर शामिल थी, जिनमें से एक भगवद गीता पकड़े हुए है, जिसे वायरल दावे के साथ साझा किया जा रहा है. फिर हमें एक फेसबुक पोस्ट मिली जिसे 3 जुलाई 2016 को यही तस्वीर पोस्ट की थी. यह तस्वीर 2 जुलाई 2016 को ट्विटर पर भी शेयर की गई थी. यह भी पढ़ें: Fact Check: फ्रांसीसी नोबेल पुरस्कार विजेता Luc Montagnier ने कहा- वैक्सीनेशन के 2 साल के अंदर लोग मर जाएंगे? इस फर्जी दावे का PIB ने किया पर्दाफाश, सामने आई सच्चाई

हमें तब इस्कॉन डिज़ायर ट्री की वेबसाइट मिली जिसमें 20 सितंबर 2013 को तस्वीर प्रकाशित की थी. इमेज के डिटेल में लिखा है, "हरे कृष्ण !!!! सुंदर छोटे वैष्णव !!!! कृष्ण इस बच्चे को आशीर्वाद दें !!! हम अपने बच्चे क्या सिखाते हैं ???? देखें इस्कॉन माता-पिता बच्चे को क्या पढ़ाते हैं. चैतन्य महाप्रभु के अनुयायी दुनिया भर में बढ़ रहे हैं .. महान कृष्ण भक्त !!! जय श्रीला प्रभुपाद !!!!"

देखें वायरल पोस्ट:

वेबसाइट ने दो लड़कियों की वायरल तस्वीर के अलावा और भी कई तस्वीरें पोस्ट की थीं. हमने "नीदरलैंड में कक्षा 5 के छात्रों के लिए अनिवार्य विषय (Compulsory subjects for Class 5 students in Netherlands) कीवर्ड का उपयोग करके भी खोज की, जो हमें नीदरलैंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर ले गया. इसमें प्राथमिक विद्यालय के छात्रों के लिए विषयों की एक सूची थी. हालांकि, प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाए जाने वाले विषय के रूप में भगवद गीता का कोई उल्लेख नहीं था.

इसलिए यह स्पष्ट है कि नीदरलैंड में प्राथमिक विद्यालय के छात्रों के लिए भगवद गीता को अनिवार्य नहीं बनाया गया है. भगवद गीता धारण करने वाली दो छोटी लड़कियों की छवि 2014 से वायरल हो रही है. इसलिए यह दावा झूठा है.