BREAKING: दिल्ली विधानसभा पेश की गई CAG रिपोर्ट, विरोध में AAP के विधायकों का हंगामा
Delhi Assembly

Delhi Assembly Session: दिल्ली विधानसभा में आखिरकार बीजेपी ने CAG रिपोर्ट पेश कर दी गई.हालांकि, दिल्ली की मुख्यमंत्री जब यह रिपोर्ट पेश कर रही थीं, उस समय सदन में AAP के विधायकों का जोरदार हंगामा देखने को मिला. आप के विधायक बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. उनके विरोध और नारेबाजी के बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) ने CAG रिपोर्ट को पेश किया. कैग रिपोर्ट में नई शराब नीति, अरविंद केजरीवाल के 'शीश महल', परिवहन विभाग में हुई गड़बड़ियों और मोहल्ला क्लीनिक के अहम पॉइंट शामिल हैं.

सूत्रों की मानें तो  भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक गिरीश चंद्र मुर्मू द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट में लिखा गया है कि "वास्तविक कार्यान्वयन उप-इष्टतम (अपेक्षा के अनुरूप नहीं) था और नीति के पीछे के उद्देश्य प्राप्त नहीं हुए". इसमें कहा गया है कि गैर-अनुरूप वार्डों में दुकानें नहीं खोली जा सकीं और खुदरा दुकानों का समान वितरण हासिल नहीं किया जा सका. यह भी पढ़े: शराब घोटाला से शीशमहल तक… हो सकते हैं कई बड़े खुलासे, दिल्ली विधानसभा में आज पेश होगी CAG रिपोर्ट

CAG रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा में पेश

जानें रिपोर्ट में क्या कहा गया है!

रिपोर्ट में कहा गया है कि "क्षेत्रीय लाइसेंस जारी करने और प्रबंधन में बड़ी खामियां थीं. वित्तीय साधनों और प्रबंधन विशेषज्ञता के संबंध में व्यावसायिक संस्थाओं की जांच का अभाव था. "शराब आपूर्ति डेटा क्षेत्रीय लाइसेंसधारियों और थोक विक्रेताओं और ब्रांड पुशिंग के बीच विशिष्टता व्यवस्था को इंगित करता है. विस्तारित नीति अवधि के दौरान क्षेत्रीय लाइसेंसों के आत्मसमर्पण से राजस्व में भारी नुकसान हुआ.

रिपोर्ट में कहा गया है कि नीति में नियोजित अन्य महत्वपूर्ण उपाय, जैसे प्रयोगशालाओं की स्थापना और गुणवत्ता आश्वासन के लिए बैच परीक्षण, सुपर प्रीमियम वेंड की स्थापना आदि को लागू नहीं किया गया. सीएजी ने रिपोर्ट में कहा है, "देखी गई खामियों के लिए जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की जानी चाहिए और प्रवर्तन तंत्र को मजबूत किया जाना चाहिए.

ऑडिट में पाई गई गड़बड़ी

"ऑडिट ने पाया कि कैबिनेट के फैसले संख्या 10 के उल्लंघन में, 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के लिए ऋण देने में देरी की गई. धारा 3003 के अनुसार, कुछ निर्णय, जिनका राजस्व पर प्रभाव था, मंत्रिमंडल से अनुमोदन लिए बिना और/या उपराज्यपाल की राय प्राप्त किए बिना लिए गए थे

(इनपुट भाषा)

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