Tulsi Vivah 2019: प्रदूषण दूर करता है तुलसी का पौधा, जानें इसके आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक महत्व
तुलसी का पौधा, (Wikimedia Commons)

Tulsi Vivah 2019: भारत में तुलसी व्यापक और भारी मात्रा में पाया जाता है. हिन्दू धर्म में तुलसी को एक पवित्र पौधा माना जाता है. इसका स्थान आयुर्वेद के प्राचीन विज्ञान में भी है. तुलसी आमतौर पर दो प्रकार की पाई जाती है - हरे रंग की लक्ष्मी तुलसी और बैंगनी रंग की कृष्णा तुलसी. भारतीय उपमहाद्वीप के अलावा, यह अधिकांश दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में भी पाया जाता है. तुलसी की पूजा की जाती है, इन्हें देवताओं को अर्पित किया जाता है. घर के आंगन में या बालकनी में तुलसी उगाना बहुत ही शुभ माना जाता है. यह छोटा सा पौधा मनुष्य के लिए अत्यंत लाभकारी है. इसे खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत, बैक्टीरिया और वायरल इन्फेक्शन दूर होता है. नियमित रूप से इसका उपयोग किए जाने पर तुलसी के कुछ पत्ते स्वास्थ्य और जीवन शैली से संबंधित मुद्दों को हल करने में मदद कर सकते हैं.

जब आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा की बात आती है तो तुलसी अत्यधिक महत्व रखती है. इसमें मौजूद तेल का उपयोग कई बीमारियों इलाज करने के लिए किया जाता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर्स के अनुसार, "तुलसी में पाए जाने वाले आवश्यक तेल हमारे श्वसन तंत्र पर प्रभावी रूप से काम करते हैं" यह एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध है जो स्ट्रेस और मधुमेह, हाईब्लड प्रेशर जैसी बीमारी को कम करने में मदद करती है, डॉक्टर्स के अनुसार तुलसी में लिनोलिक एसिड होता है, जो त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद है. तुलसी के पत्तों में वाष्पशील और निश्चित तेल होते हैं जो एलर्जी, संक्रमण और रोगों को जन्म देनें वाले कीटाणुओं से लड़ने में मदद करते हैं. तुलसी के पेस्ट के साथ-साथ पाउडर लंबे समय से हर्बल और कॉस्मेटिक उत्पादों में इसके शुद्धिकरण, डिटॉक्सिफाइंग और क्लींजिंग गुणों के लिए उपयोग किया जाता है. मुंहासों और फुंसियों पर लगाने पर नीम, गिलोय और हल्दी, तुलसी के पेस्ट जैसी अन्य जड़ी-बूटियों और सामग्रियों के साथ मिलाया जाता है.

तुलसी से मिलता है कई रोगों से छुटकारा:

1. यह भीतर और बाहर से Detoxifying, सफाई और शुद्ध करने वाले एजेंट के रूप में कार्य करता है.

2. यह खाने और लगाने के लिए दोनों ओर से त्वचा के लिए अच्छा है.

3. तुलसी खुजली और दाद जैसे विकारों के इलाज में प्रभावी है.

4. इसे चाय के साथ या कच्चा, पाउडर, पेस्ट या हर्बल सप्लीमेंट के रूप में लिया जा सकता है.

5. इसमें एंटीबायोटिक, एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण होते हैं.

6. यह बुखार, सिरदर्द, गले में खराश, सर्दी, खांसी, फ्लू और सीने में जमाव से राहत दिलाने में मदद करता है.

7. यह श्वसन संबंधी बीमारियों जैसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, अस्थमा वगैरह के इलाज में भी फायदेमंद है.

8. तनाव को दूर करने, प्रतिरक्षा को मजबूत करने और उचित पाचन की सुविधा में मदद करता है.

9. यह phytonutrients, आवश्यक तेलों, विटामिन A और C के साथ भरी हुई है.

10. यह मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद

वातावरण को प्रदूषण मुक्त रखती है:

तुलसी का पौधा जहां भी रहता है, दूषित वातावरण को शुद्ध करता है और ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ता है. इसलिए भी ज्यादातर लोग अपने घरों और ओफीसेस में तुलसी का पौधा लगाते हैं.

तुलसी मैं मौजूद अपार गुणों की वजह से ये पौराणिक काल से पूजनीय है. कलयुग में भी तुलसी की उसी श्रद्धा भाव से पूजा आराधना की जाती है, जैसे उस समय की जाती थी. इस साल तुलसी विवाह 9 नवंबर को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरुप का विवाह तुलसी से कराया जाती है. ये बड़ा ही शुभ दिन है, इस दिन के बाद से विवाह के शुभ मुहूर्त की शुरुआत हो जाती है.