अगर गर्मी की छुट्टियों को खुशनुमा और रोमांचक बनाना चाहते हैं, औेर हिल स्टेशनों से मन उकता चुका है, तो आप सपरिवार को किसी जंगल सफारी भ्रमण के लिए निकलना चाहिए, क्योंकि ये रोमांचकारी होने के साथ ही इस दिन को एक यादगार बना देंगे. हमारे देश में लगभग हर राज्य में एक से बढ़कर एक अभ्यारण्य हैं, जहां तमाम पैंथर्स, शेर, जंगली सुअर, चीता, जंगली बिल्लियां, मगरमच्छ, जंगली कुत्ते जैसे खूंखार वन्य जीवों से आप रूबरू हो सकते हैं. यही नहीं यहां आप पक्षियों, बंदरों की सैकड़ों प्रजातियों के साथ सेल्फी ले सकते हैं.यहां हम आपको 5 ऐसे वन सफारियों के बारे में बतायेंगे, जिन्हें जानने के बाद आप यहां आने से खुद को रोक नहीं सकेंगे.
सासन गिर नेशनल पार्क गुजरात
अफ्रीका के बाद सासन गिर नेशनल पार्क दुनिया का एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां आप खुली जीप में स्वच्छंद घूमते हुए शेर, चीते, तेंदुआ आदि को एकदम करीब से देख सकते हैं. तलाला गिर शहर के पास स्थित इस 1424 वर्ग किमी में फैले अभ्यारण्य में तमाम किस्म के पशु, पक्षी, अजगर इत्यादि मिलेंगे. साल 2015 की गणना के अनुसार यहां 525 शेर, 300 से अधिक तेंदुए, कई प्रजाति के हिरण, एवं बारहसिंगा, सांभर, 200 से अधिक प्रजाति के पक्षी तथा कमलेश्वर पार्क में भारी संख्या में मगरमच्छ हैं. इसके अलावा यहां कमलेश्वर बांध, जंजीर वाटरफॉल्स, कनकाई मंदिर और देवलिया गिर इंटरप्रिटेशन जोन भी देखने योग्य है. यानी पर्यटन का कंपलीट पैकेज.
अनामलाई टाइगर रिजर्व, वालपराई
कोयंबटूर (तमिलनाडु) स्थित अन्नामलाई पहाड़ियों की गोद में स्थित पोलाची एवं वेलपराई गांव में एक संरक्षित क्षेत्र है. 110 वर्ग किमी में बसा यह अभ्यारण्य पहले इंदिरा गांधी वन्य जीव अभयारण्य के नाम से प्रसिद्ध था. यहां गोल्डन सियार, तेंदुए, जंगली बिल्लियां, चीतल, काकड़, मूषक मृग, जंगली सुअर, बोनेट मकाक, धारीदार गलेवाला नेवला, सुर्ख नेवला, बड़ी गिलहरी, और पाम गिलहरियां देखी जा सकती हैं. इसके साथ ही 250 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां भी हैं, जिनमें जलकाग, बतख, छोटी बत्तख, जंगली मुर्गी, स्पोर फॉल. मोर. कठफोड़वा, किंग फिशर्स, सफ़ेद सारस, सफेद बगुला, रंग बिरंगी मछलियां, ईगल, बाज़ इत्यादि भी हैं.
सुंदरवन, पश्चिम बंगाल
साल 1948 में बसा सुंदरवन 12 माह हरा-भरा होने से पर्यटक खुद को प्रकृति के करीब महसूस करते हैं. करीब 1330 वर्ग किमी में फैला यह राष्ट्रीय उद्यान परिक्षेत्र 7 नदियों से घिरा है. यहां बाघों एवं हिरणों की तमाम प्रजातियां मिलेंगी. यहां पर्यटकों को तमाम दर्शनीय स्थलों का देखने का आनंद मिलेगा. सुकन्या खली वॉच टावर, जो बाघों को करीब से देखने के लिए उपयुक्त है, सजनेखाली वॉच टावर, मगरमच्छों एवं अन्य जलीय जंतुओं के उपयुक्त है, नेतिधोपानी स्थित नीला झील हर किसी को बरबस आकर्षित करता है, एवं सजनेखाली पक्षी अभयारण्य में सैकड़ों किस्म की दुर्लभ पक्षियां देखने को मिलेगी.
काबिनी, कर्नाटक
काबिनी कर्नाटक के प्रमुख पर्यटन स्थलों में एक है. एक बार आने वाले पर्यटक बार-बार आना पसंद करेगा. यह पर्यटन स्थल काबिनी नाम से विख्यात नदी के किनारे स्थित है. यहां तमाम किस्म की प्राकृतिक दुर्लभ वनस्पतियां देखने को मिलेंगी. काबिनी कावेरी की सहायक नदी है. वन का रोमांच पाने के लिए कर्नाटक में यह सर्वश्रेष्ठ स्थानों में एक है. यहां बाघ, तेंदुआ, जंगली हाथियों, हिरणों की विभिन्न प्रजातियां, और कई सारे प्रवासी पक्षियां देखे जा सकते हैं. काबिनी के बिना कर्नाटक की यात्रा पूरी हो ही नहीं सकती. काबिनी नदी समृद्ध वनस्पतियों एवं जीवों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यहां आने पर पर आप नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान, हाथी सफारी, काबिनी बांध आदि दर्शनीय स्थल हैं.
सफेद बाघ की सफारी, रीवा
जब भारत के बेस्ट वाइल्ड लाइफ डेस्टिनेशन की बात आती है तो मध्य प्रदेश का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है. हाल ही में मुकुंदपुर (रीवा) के जंगलों में दुनिया के पहले सफेद टाइगर सफारी की शुरुआत की गई है. इसके साथ ही मध्य प्रदेश का वाइल्ड लाइफ टूरिज्म दुनिया के मैप पर भी आ गया. सफेद बाघ जैसी अनोखी प्रजाति के बाघ को देखना अपने आप में एक अलग एक्सपीरियंस है रीवा से करीब 14 किमी दूर है मुकुंदपुर जंगल जिसे सफेद बाघों का घर माना जाता है. कहते हैं कि 1951 में महाराजा मार्तण्ड सिंह ने पहली बार सफेद बाघों को देखा था.