हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार देश के जिन-जिन शहरों से होकर मोक्षदायिनी मां गंगा का प्रवाह होता है, उन शहर के तटों पर गंगा सप्तमी का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान ब्रह्मा की कमंडल से निकलकर मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थी. उनके प्रबल प्रवाह को भगवान शिव ने अपनी जटाओं में आश्रय देकर शांत किया था. इसी उपलक्ष्य में गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है. गंगा सप्तमी का यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत में बड़े विधि-विधान से सेलिब्रेट किया जाता है.
इस उपलक्ष्य में श्रद्धालु गंगा में स्नान कर मां गंगा की पूजा और दीप-दान करते हैं. ऐसा करने से जातक के अगले-पिछले जन्म के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. मां गंगा को ‘पतित पावनी’ और ‘मोक्षदायिनी’ जैसे शब्दों से भी संबोधित किया जाता है. गंगा सप्तमी (14 मई 2024) के शुभ अवसर पर गंगा के महात्म्य को दर्शाते कुछ कोट्स यहां प्रस्तुत हैं, जिन्हें अपने शुभचिंतकों को भेजकर गंगा सप्तमी की बधाई दे सकते हैं. यह भी पढ़े :Ganga Saptami 2024: क्या अंतर है गंगा दशहरा और गंगा सप्तमी में? जानें गंगा सप्तमी पर गंगा-पूजा एवं गंगा-आरती की विधि!
गंगा सप्तमी पर कुछ विशेष कोट्स
* ऐ गंगा, तेरे गंगाजल से हो जाते हैं लोग पवित्र,
पर क्यों नहीं होते इससे लोगों के मन पवित्र,
अगर मिट जाए लोगों के मन से ईर्ष्या की मैल,
तो बन जाएगा इस देश में एक प्रेम का महल,
गंगा सप्तमी की हार्दिक बधाई
* गंगा सप्तमी के इस पावन अवसर पर,
आप सभी पर गंगा मैया की असीम कृपा बनी रहे.
गंगा सप्तमी की हार्दिक बधाई
* हर-हर गंगे...!!
भारत माता के हृदय से निकल कर,
सभी पापों का नाश करने वाली,
पतित पावनी मां गंगा को शत-शत नमन.
गंगा सप्तमी की हार्दिक बधाई
* हर दिन आपके जीवन में लाए,
सुख-शांति और समाधान,
पापनाशिनी गंगा मैया को,
श्रद्धापूर्वक तहे दिल से प्रणाम
गंगा सप्तमी की हार्दिक बधाई
* सुख और दुख जीवन के रंग हैं,
सब सही है अगर श्रद्धा संग है,
गंगा मैया के ध्यान में मलंग हैं,
हैपी गंगा सप्तमी कहने का ये नया ढंग है.
गंगा सप्तमी की शुभकामनाएं
* बचाकर रखना गंगा को,
जरूरत कल भी बहुत होगी,
यकीनन आने वाली पीढ़ी,
इतनी पाक भी नहीं होगी
हैप्पी गंगा सप्तमी