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Shardiya Navratri 2020 सातवां दिन: महासप्‍तमी पर होती है मां कालरात्रि की पूजा, जानें कौन हैं मां कालरात्रि! क्या है उनका महात्म्य! कैसे करें पूजा और क्या है मंत्र!

शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन स्नान-ध्यान से फारिग होकर लाल रंग का वस्त्र पहनकर मां कालरात्रि का ह्रदय से ध्यान करें. अब जिस जगह पर कलश स्थापित है, वहीं पर एक साफ आसन पर बैठकर मां कालरात्रि का स्मरण करें.

त्योहार Rajesh Srivastav|
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Shardiya Navratri 2020 सातवां दिन: महासप्‍तमी पर होती है मां कालरात्रि की पूजा, जानें कौन हैं मां कालरात्रि! क्या है उनका महात्म्य! कैसे करें पूजा और क्या है मंत्र!

शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन स्नान-ध्यान से फारिग होकर लाल रंग का वस्त्र पहनकर मां कालरात्रि का ह्रदय से ध्यान करें. अब जिस जगह पर कलश स्थापित है, वहीं पर एक साफ आसन पर बैठकर मां कालरात्रि का स्मरण करें.

त्योहार Rajesh Srivastav|
Shardiya Navratri 2020 सातवां दिन: महासप्‍तमी पर होती है मां कालरात्रि की पूजा, जानें कौन हैं मां कालरात्रि! क्या है उनका महात्म्य! कैसे करें पूजा और क्या है मंत्र!
मां कालरात्रि (Image Credit: Instagram)

शारदीय नवरात्रोत्सव के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा और अनुष्ठान करने का विधान है. मान्यता है कि इस दिन मां कालरात्रि की विधिवत् पूजा एवं व्रत करने से भक्तों को सभी संकटों से मुक्ति मिलती है, अनेक शुभ फलों की प्राप्ति होती है, तथा घर में सुख, शांति समृद्धि आती है. वस्तुत: शक्ति का यह स्वरूप यानी मां कालरात्रि शत्रुओं और दुष्‍टों का संहार करने वाला माना जाता है. देवी पुराण navaratri-में उल्लेखित है कि मां कालरात्रि ने ही मधु कैटभ जैसे महाअसुर का वध किया था.

कौन हैं मां कालरात्रि

मां कालरात्रि देवी दुर्गा की 9 शक्तियों में एक हैं. मां कालरात्रि का रंग कृष्ण वर्ण होने के कारण उन्हें कालरात्रि कहा गया है. उनकी चार भुजाओं में दोनों बाएं हाथों में क्रमश: कटार और लोहे का कांटा धारण करती हैं. दो दाएं हाथों में से एक हाथ आशीर्वाद देनेवाली मुद्रा में तथा दूसरा शत्रुओं के नाश के लिए होता है. मां कालरात्रि की उत्पत्ति मां दुर्गा ने उस समय किया था, जब असुरों के राजा रक्तबीज का संहार करना किसी के वश की बात नहीं रह गयी थी. क्योंकि जैसे ही उसके शरीर का रक्त नीचे गिरता, हर रक्त की बूंद से रक्तबीज उत्पन्न हो जाता था. तब मां कालरात्रि रक्तबीज के शरीर से गिरनेवाली हर बूंदों को पृथ्वी पर गिरने से पहले पी जाती थीं, और अंततः उसका संहार करने में सफल होती है.

मां कालरात्रि का महात्म्य

मां कालरात्रि को शुभंकरी देवी, काली व चामुण्डा के नाम से भी जाना जाता है. अपने नाम ‘काल’की ही तरह ही मां दुर्गा का यह रूप बेहद आक्रामक व दुश्मनों को भयभीत करने वाला होता है. माँ कालरात्रि को पाप एवं पापियों का नाश करने वाली देवी के रूप में भी जाना जाता है. मान्यता है कि सप्तमी के दिन मां कालरात्रि का पूरे विधि-विधान से पूजा-अनुष्ठान करने से मां की कृपा प्राप्त होती है, तथा सारी बुरी व नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं. ऐसी भी मान्यता है कि मां कालरात्रि की पूजा करके आप अपने क्रोध पर नियंत्रण प्राप्त करने की दिव्य शक्ति हासिल कर लेती हैं. आज यानी सातवें दिन तांत्रिक क्रिया की साधना का भी विधान है. मान्यता है कि मां कालरात्रि की पूजा करने वाले भक्तों को भूत, प्रेत या बुरी शक्ति इत्यादि का भय नहीं सताता.

ऐसे करें पूजा अनुष्ठान

शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन स्नान-ध्यान से फारिग होकर लाल रंग का वस्त्र पहनकर मां कालरात्रि का ह्रदय से ध्यान करें. अब जिस जगह पर कलश स्थापित है, वहीं पर एक साफ आसन पर बैठकर मां कालरात्रि का स्मरण करें. उन्हें शुद्ध घी का दीप एवं धूप प्रज्जवलित करें. इसके बाद सफेद पुष्प,अक्षत्,  गंध, शहद एवं गुड़ से बने प्रसाद अर्पित करें. मां कालरात्रि को श्वेत रंग का रात रानी का पुष्प बहुत प्रिय है. संभव हो तो पूजा-अनुष्ठान के वक्त यह पुष्प उन्हें जरूर अर्पित करें. इसके बाद मां कालरात्रि के निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें. अंत में उनकी आरती उतारें. इस दिन ब्राह्मणों को गुड़ का दान करने से मां कालरात्रि प्रसन्न होती हैं.

मां कालरात्रि का सिद्ध मंत्र,

‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:

शहर पेट्रोल डीज़ल
शहर पेट्रोल डीज़ल
New Delhi 96.72 89.62
Kolkata 106.03 92.76
Mumbai 106.31 94.27
Chennai 102.74 94.33
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