Ramadan Iftar Time 08 May: जानिए दिल्ली, लखनऊ, पटना और मुंबई में इफ्तार का समय
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo by Francois Nel/Getty Images)

Ramadan Iftar Time : मंगलवार 7 मई 2019 से इस्लाम धर्म (Islam)  का पाक महीना रमजान (Ramzan) शुरू हो चुका है. दुनिया भर के मुसलमान (Muslim) माह-ए-रमजान (Mah-E-Ramzan) में पूरे 30 दिन तक रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं. रमजान में सूर्योदय से सूर्यास्त के दौरान करीब 15-16 घंटे तक रोजेदार पानी की एक बूंद तक नहीं पीते हैं और न ही खाने का एक निवाला खाते हैं. दरअसल, रमजान में सुबह की सहरी (Sehri) और शाम के इफ्तार (Iftar) को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. रोजेदार सुबह सूर्योदय से पहले सहरी करते हैं, फिर फज्र की अजान के साथ उनका रोजा शुरू होता है, जबकि शाम को सूर्यास्त के बाद मगरिब की अजान के बाद इफ्तारी होती है और रोजा खोला जाता है. चांद के हिसाब से करीब 29-30 दिन रोजा रखने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है.

दरअसल, सुबह की सहरी को सुन्नत और रोजे रखने को इस्लाम धर्म में फर्ज माना जाता है. रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना होता है और कहा जाता है कि इसी महीने कुरान शरीफ नाजिल हुआ था, इसलिए इस पूरे महीने अल्लाह की इबादत की जाती है. माना जाता है कि रमजान में अल्लाह अपने बंदों के लिए जन्नत के दरवाजे खोल देते हैं और उन पर अपनी रहमत बरसाते हैं.

बता दें कि रमजान में रोजे के दौरान खाना खाने, धूम्रपान करना और शारीरिक संबंध बनाना नापाक माना जाता है. कहा जाता है कि रोजे के दौरान झूठ बोलना, अपमानजनक बातें करना, लड़ाई-झगड़ा करना, किसी का दिल दुखाना जैसी चीजें करने वाले को सवाब नहीं मिलता है. हालांकि इस साल रमजान में रोजेदारों को भीषण गर्मी का भी सामना करना पड़ रहा है और उनके लिए कड़े इम्तिहान की घड़ी है.  यह भी पढ़ें: Ramzan 2019 Time Table PDF Download: यहां डाउनलोड करें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और लखनऊ समेत भारत के बड़े शहरों का सहरी-इफ्तारी का टाइमटेबल

 इफ्तार का सही समय-

मुरादाबाद

इफ्तार- 07.04 बजे शाम

पटना:

इफ्तार- 06.25 बजे

लखनऊ:

इफ्तार- 06.46 बजे

मुंबई:

इफ्तार- 7.04

दिल्ली:

इफ्तार- 7.04

गौरतलब है कि रमजान के पाक महीने में पांच वक्त की नमाज अदा की जाती है. कहा जाता है कि इस महीने में पांचों वक्त की नमाज का ज्यादा सवाब मिलता है. इसके साथ ही इस महीने में तरावीह की नमाज भी पढ़ी जाती है. इस महीने में सदका देने और ईद की नमाज से पहले गरीबों को जकात देने का रिवाज है.