क्या कहते हैं सीएए के प्रावधान?

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का उद्देश्य उन छह अल्पसंख्यक समुदायों- हिंदुओं, पारसियों, सिखों, बौद्धों, जैनियों और ईसाइयों को नागरिकता प्रदान करना है, जो मुस्लिम बहुल देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का सामना करते हुए 31 दिसंबर, 2014 या उससे पहले भारत आए थे.

देश IANS|
क्या कहते हैं सीएए के प्रावधान?
CAA, NRC का विरोध (Photo Credits: IANS)

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का उद्देश्य उन छह अल्पसंख्यक समुदायों- हिंदुओं, पारसियों, सिखों, बौद्धों, जैनियों और ईसाइयों को नागरिकता प्रदान करना है, जो मुस्लिम बहुल देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का सामना करते हुए 31 दिसंबर, 2014 या उससे पहले भारत आए थे. यह विवादास्पद कानून नागरिकता अधिनियम-1955 का संशोधित रूप है. यह 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किए जाने के लगभग एक महीने बाद 10 जनवरी को लागू हुआ, जब गृह मंत्रालय ने गजट अधिसूचना के माध्यम से इसकी घोषणा की.

इस कानून का विरोध देशभर के साथ ही असम में भी जोरशोर से हो रहा है, क्योंकि प्रदर्शनक��फगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का सामना करते हुए 31 दिसंबर, 2014 या उससे पहले भारत आए थे.

देश IANS|
क्या कहते हैं सीएए के प्रावधान?
CAA, NRC का विरोध (Photo Credits: IANS)

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का उद्देश्य उन छह अल्पसंख्यक समुदायों- हिंदुओं, पारसियों, सिखों, बौद्धों, जैनियों और ईसाइयों को नागरिकता प्रदान करना है, जो मुस्लिम बहुल देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का सामना करते हुए 31 दिसंबर, 2014 या उससे पहले भारत आए थे. यह विवादास्पद कानून नागरिकता अधिनियम-1955 का संशोधित रूप है. यह 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किए जाने के लगभग एक महीने बाद 10 जनवरी को लागू हुआ, जब गृह मंत्रालय ने गजट अधिसूचना के माध्यम से इसकी घोषणा की.

इस कानून का विरोध देशभर के साथ ही असम में भी जोरशोर से हो रहा है, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने आशंका जताई कि यह पड़ोसी मुस्लिम बहुल बांग्लादेश से हजारों अवैध प्रवासियों को कानूनी निवासियों में बदल देगा. इस अधिनियम को 12 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की स्वीकृति मिली. देश के काफी मुसलमानों ने भी कानून का विरोध किया है, क्योंकि यह मुस्लिमों को अन्य धर्मो के लोगों की तरह समान नागरिकता का अधिकार नहीं देता है. आलोचकों का कहना है कि यह कानून धर्मनिरपेक्ष संविधान को कमजोर करने वाला है.

यह भी पढ़ें- राहुल गांधी और लालू प्रसाद सीएए पर लोगों को गुमराह करना बंद करें: अमित शाह

इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नागरिकता कानून का पालन राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) द्वारा किया जाएगा. इससे अल्पसंख्यकों में डर है कि यह कानून हिंदू-राष्ट्रवादी सरकार द्वारा उन मुसलमानों को निष्कासित करने के लिए बनाया गया है, जिनके पास पर्याप्त नागरिकता दस्तावेज नहीं हैं. सरकार ने हालांकि इन आरोपों का खंडन किया है और सभी नागरिकों को समान रूप से सुरक्षा मुहैया कराने का संकल्प भी दोहराया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट करते हुए कहा है, "सीएए कानून नागरिकता प्रदान करने के लिए है. यह नागरिकता नहीं छीनता है. सरकार कानून के माध्यम से नागरिकता प्रदान कर रही है. सरकार किसी की भी नागरिकता वापस नहीं ले रही है." सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान 26 लोगों की मौत हो चुकी है. सिर्फ उत्तर प्रदेश में 21 लोग मारे जा चुके हैं और 100 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हो चुके हैं. मोदी के 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद से यह उनके व उनकी सरकार के खिलाफ यह अभी तक का सबसे बड़ा असंतोष देखा जा रहा है.

img

Narasimha Jayanti 2025 Wishes: नरसिंह जयंती के इन शानदार हिंदी Quotes, WhatsApp Messages, Facebook Greetings के जरिए दें शुभकामनाएं

  • Bhojpuri Rap Song Jila Loongi: खुशबू तिवारी केटी का नया भोजपुरी रैप सॉन्ग ‘जिला लूंगी’ मचा रहा धमाल, विवेक साजन और प्रिया सिन्हा के अंदाज़ ने जीता दिल (Watch Video)

  • अप्रैल में भारतीय बाजारों के मजबूत प्रदर्शन के कारण मिडकैप में 3.94 प्रतिशत की तेजी दर्ज

  • शहर पेट्रोल डीज़ल
    New Delhi 96.72 89.62
    Kolkata 106.03 92.76
    Mumbai 106.31 94.27
    Chennai 102.74 94.33
    View all
    Currency Price Change
    img
    Google News Telegram Bot