स्पेन क्यों है भगोड़े अपराधियों की पसंद
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

स्पेन हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय भगोड़ों का गुप्त ठिकाना बनकर उभरा है. हालांकि पुलिस की तेज कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ने से अब वहां छिपना आसान नहीं रहा.बार्सिलोना से लेकर मार्बेला तक, स्पेन का भूमध्यसागरीय तट सूरज की रोशनी और समुद्र की लहरों के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के वांछित अपराधियों के गुप्त ठिकानों के लिए भी मशहूर है. हालिया गिरफ्तारियों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि स्पेन, भगोड़ों के लिए स्वर्ग भले हो, लेकिन शरणस्थली नहीं.

हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियों से खुली परतें

2024 के अक्टूबर महीने में स्पेन की पुलिस ने सर्बिया के नागरिक निकोला वूसोविच को बार्सिलोना में गिरफ्तार किया. उसे मोंटेनेग्रो के कुख्यात ‘कावाक' गिरोह का सरगना माना जाता है. स्पेन के फर्नांडो गोंजालेज भगोड़ों की तलाश के लिए बनी स्पेशल यूनिट के प्रमुख हैं. समाचार एजेंसी एएफपी को दिए एक इंटरव्यू में वह कहते हैं, "हम हर दिन नए लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं. स्पेन आज भी तस्करों के लिए बेहद आकर्षक जगह बना हुआ है.”

सिर्फ निकोला ही नहीं, इसी साल की शुरुआत में पेरू के खतरनाक माफिया गिरोह का प्रमुख ओमार लुईस कास्टानेडा एलिकांते शहर के पास गिरफ्तार हुआ. उस पर पेरू में 16 हत्याओं का आरोप है. फरवरी 2025 में फ्रांस की एक जेल वैन पर हुए हमले में शामिल एक गनमैन को दक्षिण स्पेन के एक लग्जरी विला से पकड़ा गया.

गोंजालेज बताते हैं, "हमारे पास हर तरह के प्रोफाइल होते हैं, खूंखार अपराधी भी और छोटे-मोटे कानून तोड़ने वाले भी. और इनका दायरा सिर्फ यूरोपीय नहीं, अब लैटिन अमेरिकी देशों तक फैल गया है.”

क्यों भागते हैं अपराधी स्पेन की ओर?

स्पेन की पुलिस यूनिट के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में 390 भगोड़ों को पकड़ा गया था, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 460 हो गई. इस साल भी यह सिलसिला तेजी से चल रहा है. साल के पहले कुछ हफ्तों में ही 55 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय भगौड़े पकड़े जा चुके हैं. इनमें से ज्यादातर गिरफ्तारियां भूमध्यसागर तट के पास मार्बेला, मालागा जैसे इलाकों से हुई हैं, जहां ब्रिटिश, फ्रेंच और लैटिन अमेरिकी प्रवासियों की बड़ी आबादी रहती है.

स्पेन के लिए अपराधियों का आकर्षण नया नहीं है. 1970 और 1980 के दशक में ‘कोस्टा डेल क्राइम' नाम से कुख्यात हो चुके क्षेत्रों में ब्रिटिश अपराधी शरण लेते थे. एक फ्रांसीसी जांच अधिकारी कहते हैं, "यह सिर्फ भगोड़ों का अड्डा नहीं है, बल्कि यह वह जगह है जहां मोरक्को, स्पेन और फ्रांस के बीच सक्रिय पेशेवर अपराधी भी रहते हैं.”

क्रिमिनल मामलों के वकील और पूर्व न्यायाधीश कार्लोस बाउतिस्ता बताते हैं, "स्पेन यूरोप, अमेरिका और अफ्रीका के चौराहे पर बसा है. यही इसे भगोड़ों के लिए आदर्श बनाता है. खासकर उन लोगों के लिए जो सालों तक फर्जी पहचान के साथ प्रवासी बस्तियों में गुमनाम रह सकते हैं.”

गोंजालेज ने एक दिलचस्प केस का जिक्र करते हुए बताया कि एक जर्मन महिला को बालियरिक द्वीप में गिरफ्तार किया गया. वह वहां वर्षों से वहीं रह रही थी और उसने कभी स्पेनिश भाषा नहीं सीखी. उसके पड़ोसियों को उसकी असली पहचान का पता तक नहीं था.

स्पेन में भारतीय भगोड़ों की संख्या बहुत अधिक नहीं रही है, लेकिन कुछ मामले जरूर सामने आए हैं. 2007 में मुंबई के व्यवसायी रोशन जमाल खान को स्पेन में गिरफ्तार किया गया था, जिन पर संभावित आतंकी संबंध के आरोप थे. इसी तरह, 2005 के भारतीय नौसेना वॉर रूम लीक मामले में आरोपी रवि शंकरण की भी स्पेन में मौजूदगी की खबरें आई थीं. हालांकि वह वहां से फरार हो गया था. भारत और स्पेन के बीच 2002 में प्रत्यर्पण संधि भी है, लेकिन कई बार कानूनी और राजनीतिक प्रक्रियाएं इन प्रत्यर्पणों को जटिल बना देती हैं.

दुबई और थाईलैंड से आगे कैसे है स्पेन?

वैश्विक स्तर पर कई देश अपराधियों के छिपने की जगह के रूप में जाने जाते हैं. दुबई, जहां फाइनेंशियल गोपनीयता और सीमित प्रत्यर्पण संधियां अपराधियों के लिए सुरक्षा कवच बन जाती हैं, वहीं थाईलैंड की ढीली वीजा नीतियां उसे एक सस्ता और गुमनाम ठिकाना बनाती हैं. लेकिन स्पेन उनसे अलग है.

स्पेन यूरोपियन नेटवर्क एनफास्ट (ईएनएफएएसटी) का सक्रिय सदस्य है. सोशल मीडिया मॉनिटरिंग, इंटरपोल सहयोग और वायरटैपिंग जैसी आधुनिक तरीकों के साथ स्पेन भगोड़ों को पकड़ने में काफी तेज साबित हो रहा है. कार्लोस बाउतिस्ता कहते हैं, "स्पेन प्रत्यर्पण में बहुत सक्रिय है. अगर कोई यहां छिप भी गया, तो देर-सवेर पकड़ में जरूर आता है.”

स्पेन के गोंजालेज के ऑफिस की दीवारों पर सालों की गिरफ्तारियों की तस्वीरें और सबूत सजे हुए हैं. वह कहते हैं, "हां, कुछ भगोड़े आम लोगों की तरह रहते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे हमेशा बच निकलेंगे.”

स्पेन अब अपनी छवि सुधार रहा है. सूरज, समुद्र और सन्नाटा जितना लुभाता है, उतना ही तेज हो चला है स्पेन का न्यायिक पंजा. भगोड़ों के लिए शायद अब यह ‘स्वर्ग' धीरे-धीरे ‘फंदा' बनता जा रहा है.