![वाराणसी: मंदिरों के आसपास शराब और मांसाहारी भोजन पर लगा पूर्ण प्रतिबंध वाराणसी: मंदिरों के आसपास शराब और मांसाहारी भोजन पर लगा पूर्ण प्रतिबंध](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2019/06/pjimage-2019-06-17T180410.705-380x214.jpg)
उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) शहर में सभी मंदिरों और अन्य धरोहर स्थलों की 250 मीटर की परिधि में शराब (Liquor) और मांसाहारी भोजन (Non-vegetarian Food) की बिक्री और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इससे पहले अप्रैल में वाराणसी, वृंदावन, अयोध्या, चित्रकूट, देवबंद, देवा शरीफ, मिस्रिख -नैमिशारण्य में सभी पूजा स्थलों पर शराब की दुकानों और मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. उन्होंने आबकारी विभाग के अधिकारियों को वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर, मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और इलाहाबाद के संगम क्षेत्र में एक किलोमीटर दूरी तक शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश दे दिए हैं.
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि वाराणसी नगर निगम (वीएमसी) ने दो दिन पहले इस ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी में मंदिरों और धरोहर स्थलों की 250 मीटर की परिधि में शराब और मांसाहारी भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया था. यह निर्णय मेयर मृदुला जायसवाल की अध्यक्षता में वीएमसी की कार्यकारी समिति की बैठक में लिया गया.
वीएमसी के उपाध्यक्ष नरसिंह दास ने कहा, "कार्यकारी समिति की बैठक में, पार्षद राजेश यादव ने मंदिरों और धरोहर स्थलों की 250 मीटर की परिधि में शराब और मांसाहारी भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पेश किया." यादव ने कहा कि हरिद्वार और अयोध्या की तरह यहां भी मंदिरों और धरोहर स्थलों के पास शराब और मांसाहारी भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए.
A total ban has been imposed on sale and consumption of #liquor and non-vegetarian food within a 250-meter radius of all #temples and heritage sites in #Varanasi.
Photo: IANS pic.twitter.com/rqv1CsypSq
— IANS Tweets (@ians_india) June 17, 2019
दास ने कहा कि चर्चा के बाद प्रस्ताव पारित कर दिया गया। इसे वीएमसी की अगली बैठक में पेश किया जाएगा, जिसमें पारित होने के बाद इसे अंतिम स्वीकृति के लिए प्रदेश सरकार के पास भेजा जाएगा. साल 2017 में काशी विश्वनाथ मंदिर में आरती और दर्शन के लिए टिकट की ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा शुरू की गई थी. इसके तहत जो लोग मंदिर नहीं जा सकते हैं, वे आरती में ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कर सकते हैं और उन्हें प्रसाद डाक द्वारा दिया जाता है. यह भी पढ़ें- वाराणसी में बोले अमित शाह, अगले 5 साल में काशी का और होगा विकास
वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है. इसे देश की आध्यात्मिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है. यहां काशी विश्वनाथ के साथ लगभग 2,000 मंदिर हैं. हिंदू सभ्यता में अंतिम संस्कार के लिए इसे सर्वोत्तम स्थान माना जाता है. गंगा नदी के किनारे बसे इस पवित्र शहर में हिंदू तीर्थयात्री गंगा नदी में नहाने के लिए भी जाते हैं.