Uttarakhand Tragedy: बीजेपी सांसद अनिल बलूनी ने कहा, त्रासदी रोकने के लिए ग्लेशियर का अध्ययन हो
चमोली आपदा, (फोटो क्रेडिट्स: ANI)

नई दिल्ली, 10 फरवरी : उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली में आई आपदा के बाद, राज्यसभा में बुधवार को भाजपा सांसद अनिल बलूनी (Anil Baluni) ने भविष्य में आने वाली आपदाओं के प्रबंधन और रोकथाम के लिए ग्लेशियरों के अध्ययन के लिए एक तंत्र बनाने की जरूरत बताई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को संसद में कहा था कि भूस्खलन से दर्दनाक हादसा हुआ जिसमें कई लोग मारे गए और कई लापता हो गए. शाह ने कहा कि यह लगभग 14 वर्ग किमी क्षेत्र को प्रभावित करता है और ऋषिगंगा नदी में बाढ़ आ गई.

शाह ने सदन को बताया कि यह घटना 7 फरवरी को हुई जब ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी (Rishiganga River) के जलग्रहण क्षेत्र में बाढ़ आ गई. घटना को उपग्रह से 5,600 मीटर की ऊंचाई पर देखा गया. रविवार को सुबह करीब 10 बजे आई त्रासदी पर राज्यसभा में बोलते हुए, शाह ने कहा था कि हिमस्खलन से ऋषिगंगा नदी में बाढ़ आ गई. ये नदी अलकनंदा नदी की एक सहायक नदी है. शाह ने कहा कि ऋषिगंगा में जल स्तर के अचानक बढ़ने के कारण, 13.2 मेगावाट की पनबिजली परियोजना तबाह हो गई. यह भी पढ़ें : Uttarakhand Tragedy: रातभर चली तपोवन सुरंग में जिंदगी बचाने की जद्दोजहद, देखें रेस्क्यू ऑपरेशन का नया VIDEO

शाह ने आगे कहा, बाढ़ से धौलीगंगा नदी पर तपोवन में निमार्णाधीन 520-मेगावॉट एनटीपीसी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के निर्माण को भी प्रभावित किया है. उत्तराखंड सरकार द्वारा साझा की गई जानकारी का हवाला देते हुए, शाह ने कहा कि नदी के निचले हिस्से की ओर बाढ़ का कोई खतरा नहीं है और जल स्तर में वृद्धि को रोक दिया गया है. शाह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार स्थिति पर कड़ी निगरानी रखे हुए है.