Uttarakhand Rains Updates: उत्तराखंड में बारिश के कारण आई तबाही में मरने वालों की संख्या हुई 52 हो गई है। वहीं अभी तक 17 जख्मी व्यक्तियों का भी पता चला है. इस बीच यमुनोत्री धाम हेतु यात्रा फिर से शुरू हो चुकी है अभी तक ढाई हजार से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे हैं व मौसम सामान्य बना हुआ है. गंगोत्री धाम की यात्रा भी शुरू हो गयी है. सुक्खी टाप में जिला प्रशासन ने अथक प्रयास कर अरूद्ध सड़क मार्ग बहाल किया. देवस्थानम बोर्ड के डा. हरीश गौड़ ने बताया कि उत्तराखंड चारधामों के सभी मंदिरों देवस्थानमों में निरंतर नित्य प्रतिदिन पूजा-अर्चना चल रही है. कपाट खुलने से अभी तक दो लाख के लगभग तीर्थयात्री चारधाम पहुंच चुके हैं.
बीते 17 और 18 अक्टूबर को आई मूसलाधार बारिश ने उत्तराखण्ड के कई जिलों में तबाही मचा दी. प्रभावित इलाकों में अब युद्धस्तर पर बचाव और राहत कार्य चलाया जा रहा है। सेना के तीन हेलीकॉप्टर भी इस मिशन में जुटे हुए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ग्राउण्ड जीरो पर उतर कर बचाव और राहत कार्य की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र उत्तराखंड का सबसे बड़ा पर्यटन केंद्र 'नैनीताल' है। अकेले नैनीताल में 28 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग अभी भी लापता हैं. यह भी पढ़े: Uttarakhand Rains: अमित शाह ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर की बात, हर संभव मदद का दिया आश्वासन
बदरीनाथ धाम हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग अवरूद्ध होने के कारण बुधवार को यात्रा शुरू नहीं हुई. जोशीमठ जिलाधिकारी हिमाशु खुराना एवं उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी ने सड़क मार्ग का निरीक्षण किया. इसके बाद बताया गया कि तीर्थ यात्रियों को जोशीमठ, पीपलकोटी आदि जगहों पर रोका गया है. राष्ट्रीय राजमार्ग गुरुवार से टंगड़ी,बेनाकुली, लामबगड़ आदि स्थानों में मलवा आने से अवरूद्ध था. अभी यह मार्ग खुल गया है. अब केवल एक जगह हनुमान चट्टी में खुलना बाकी है.
गुरूवार सुबह तक मार्ग सुचारू होने की संभावना है. मार्ग खुलने पर तीर्थयात्रियों को बदरीनाथ धाम भेजा जायेगा. जिला प्रशासन द्वारा कार्य जारी है. फिलहाल बारिश रूक गयी है. बुधवार को मुख्यमंत्री प्रभावित क्षेत्रों के लिए निकले लेकिन हल्द्वानी में उनका हेलीकॉप्टर टेक ऑफ नहीं हो पाया. इसके बाद मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से निकले. रुद्रपुर, काशीपुर, हल्द्वानी व आसपास के तमाम क्षेत्रों का उन्होंने सघन भ्रमण किया.
उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक अभी तक अकेले नैनीताल जिले में बारिश एवं तूफान से 28 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है. सबसे बड़ा हादसा नैनीताल के तल्ला रामगढ़ इलाके में हुआ. यहां एक मकान ढह जाने से उसमें 9 लोग दबकर मर गए.
बरसात के कारण 46 घर ध्वस्त हो गए. बारिश, भूस्खलन और तूफान के बाद जहां 52 व्यक्तियों के शव बरामद किए जा चुके हैं वही 5 व्यक्ति अभी भी लापता हैं. उत्तराखंड के कई अन्य स्थानों पर पर्यटकों के भी फंसे होने की सूचना है. पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.