Uri Surgical Strike: आज से छ: साल पहले पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर स्थित उरी में जिस तरह सोते हुए भारतीय जवानों पर कायराना हमला किया, दुनिया भर के देशों ने तो उसकी भर्तसना की ही, लेकिन भारतीय जांबाजों ने जो जवाब दिया, उसकी पाकिस्तान ने कल्पना भी नहीं की थी. आइये जानें क्या हुआ था उस रात..
बात साल 2016, सितंबर माह की है. जम्मू कश्मीर की सीमा स्थित उरी सेक्टर में सब कुछ सामान्य चल रहा था. भारतीय सेना के हेड क्वार्टर में रात की ड्यूटी करके जवान आराम कर रहे थे. अचानक गोलियों की आवाज से यह पूरा गूंज उठा. दरअसल पाकिस्तान के आतंकवादी गुट जैश-ए-मोहम्मद गुट ने घात लगाकर आराम कर रहे सैनिकों पर हमला कर दिया था. इस दुर्घटना में 19 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे. पाकिस्तान की शह पर पल रहे आतंकवादियों की इस घिनौनी हरकत पर पाकिस्तान की दुनिया भर में खूब आलोचना हुई. भारतीय सैनिकों ही नहीं हर भारतीयों का खून खौल गया था. जनता की एक ही मांग थी, खून का बदला खून से चुकाना है. यह भी पढ़े: Uri Attack: उरी आतंकी हमले के 11वें दिन बाद भारतीय सेना ने किया था सर्जिकल स्ट्राइक, 50 आतंकी हुए थे ढेर- जानें पूरा किस्सा
केंद्र सरकार तुरंत हरकत में आई. सरकार और सेना दोनों के बीच एक खुफिया मीटिंग बुलाई गई. एक बहुत ही सिक्रेट प्लान तैयार किया गया. इस मिशन का नाम रखा गया 'आपरेशन बंदर'. इसे अंजाम देने की जो तारीख तय की गई, वह थी 28/29 सितंबर की रात.
ऐसे दिया गया ऑपरेशन बंदर को अंजाम?
बताया जाता है कि यह मिशन इतना सिक्रेट रखा गया था कि एक व्यक्ति को यहाँ तक नहीं ज्ञात था कि, इस मिशन में कौन और कितने लोग जुड़े हैं. हर कदम पर गुप्त कोड प्रयोग किये जा रहे थे. कहते हैं, सेना ने रात करीब 12.30 बजे ऑपरेशन ‘बंदर’ की शुरुआत की. इस पूरे ऑपरेशन में स्पेशल फोर्सेज और पैरा कमांडो भी शामिल थे. MI 17 हेलिकॉप्टरों से 150 कमांडोज को सीमा के नजदीक एलओसी के पास एयरड्रॉप किया गया. अगले मिशन के तहत भारतीय जवान धीरे-धीरे पाकिस्तानी सीमा में घुसने में सफ़ल रहे. इस दौरान भारतीय कमांडो नाइट विजन डिवाइसेज, स्मोक ग्रेनेड्स, तवोर और M-4 जैसी राइफलों, ग्रेनेड्स, अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर और हेलमेट पर लगे कैमरे से लैस थे.
सूत्र बताते हैं कि भारतीय कमांडो इस मिशन में पाकिस्तानी खुफिया तंत्र की धज्जियां उड़ाते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में तीन किमी भीतर तक घुस गए, और देखते ही देखते पीओके के भिंबर, हॉटस्प्रिंग, तत्तापानी, केल, लीपा सेक्टरों में भारतीय सेना ने कार्यवाई की और ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए आतंकियों के लॉन्च पैड्स को बर्बाद कर दिया. भारतीय सेना के इस बेहद गोपनीय सर्जिकल स्ट्राइक में करीब 38 आतंकियों एवं वहां मौजूद दो पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया. भोर के समय करीब साढ़े चार बजे तक चले इस मिशन में वहां उपस्थित अधिकांश आतंकियों का काम तमाम कर दिया. दिलचस्प बात ये थी कि पाकिस्तान के भीतर घुसकर आतंकवादियों का सफाया कर भारतीय सेना पूरी तरह सुरक्षित अपने देश पहुँच गई थी. बताया जाता है कि इस पूरी रात चले इस मिशन में भारतीय सेना की हौसला आफजाई के लिए भारतीय प्रधानमंत्री प्रत्यक्ष रूप से शामिल थे.
किन हथियारों का हुआ था इस्तेमाल
इस स्ट्राइक के लिए सेना ने पीएम के साथ मिलकर 24 सितंबर से तैयारियां शुरू कर दी थी. स्पेशल कमांडोज को नाइट-विजन डिवाइस, Tavor 21 और AK-47 असॉल्ट राइफल, रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड, शोल्डर-फाइबल मिसाइल, हेकलर और कोच पिस्तौल, उच्च विस्फोटक ग्रेनेड और प्लास्टिक विस्फोटक से लैस किया गया था इस सर्जिकल टीम में 30 भारतीय जवान शामिल थे