नई दिल्ली: दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के लिए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर (Prakash Javadekar) ने कांग्रेस और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा है कि हिंसा की निंदा करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए. लालकिले पर हुई घटना को लेकर उन्होंने कहा कि देश तिरंगे का अपमान नहीं भूलेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक तरह से कभी-कभी लगता है कि ये लोग जो चुनाव में पराजित हुए हैं, वो सब इकट्ठा होकर देश में माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री जावडेकर ने बुधवार को भाजपा मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, कल हुए दिल्ली दंगों की निंदा करना पर्याप्त नहीं है, जिसने भी इसे प्रेरित किया, उसे दंडित किया जाना चाहिए। भारत तिरंगे का अपमान नहीं भूलेगा. कांग्रेस ने लगातार इन किसानों के विरोध प्रदर्शन को हवा दी है. उन्होंने कहा, राहुल गांधी लगातार केवल समर्थन ही नहीं कर रहे थे, बल्कि उकसा भी रहे थे। सीएए को लेकर ऐसा ही किया था.सड़क पर आने को वो उकसाते हैं और दूसरे दिन से सड़क पर आंदोलन शुरू होता है। कांग्रेस की सरकार ने जानबूझ कर किसानों को उकसाया, कल के यूथ कांग्रेस और कांग्रेस से संबंधित संस्थाओं के ट्वीट भी प्रमाण हैं. यह भी पढ़े: Delhi Tractor Rally Violence: पंजाब के बीजेपी नेता अश्वनी शर्मा ने दिल्ली हिंसा के लिए कांग्रेस और आप को ठहराया जिम्मेदार
जावडेकर ने कहा कि कांग्रेस हताश और निराश है, चुनाव में हार रहे हैं, कम्युनिस्टों की भी वही हालत है। इसलिए पश्चिम बंगाल में नई दोस्ती का रिश्ता ढूंढ रहे हैं। कांग्रेस किसी भी तरह से देश में अशांति फैलाना चाहती है। लगातार भाजपा और विशेषकर मोदी जी की लोकप्रियता और सफलता लगातार बढ़ रही है। कांग्रेस और कम्युनिस्टों की घट रही है। उनको चिंता परिवार राज की है, जिसको लोगों ने नकार दिया है.
उन्होंने किसान आंदोलन को सुलझाने के लिए सरकार के प्रयासों को लेकर कहा कि सरकार 11 राउंड वार्ता कर चुकी है। साल-डेढ़ साल कानून रोकने, स्थगित करने की भी तैयारी दिखाई है। चर्चा के लिए बुलाया, हर बिंदु पर चर्चा करके दिखाइए कि किसानों का कौन सा अधिकार इन कानूनों से कम हुआ है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एमएसपी, मंडी, मालिकाना हक को कोई दिक्कत नहीं पहुंची है, सब जारी रहेगा, ये मालूम है इनको। इन कानूनों से किसान को विकल्प देने का प्रयास है। ये कांग्रेस भी समझती है, लेकिन समझौता होने नहीं देना चाहती है.