कार्ति चिदंबरम पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- ED के सामने 5,6,7 और 12 मार्च को पेश हों, 10 करोड़ रुपये कराएं जमा
कार्ति चिदंबरम ( फोटो क्रेडिट - ANI )

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ( P chidambaram) के बेटे कार्ति चिदंबरम ( Karti Chidambaram )को सुप्रीम कोर्ट ने विदेश जाने की इजाजत दे दी है. लेकिन कार्ति चिदंबरम को यह मंजूरी सशर्त मिली है. इस दौरान कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम से कहा कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे है, इसलिए वह 5,6,7 और 12 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ईडी के सामने पेश हों. कोर्ट ने कहा कि अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो फिर सख्ती बरती जाएगी. कार्ति के खातों से लेन-देन पर भी रोक लगा दी गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब वह विदेश यात्रा से वापस आ जाएंगे तो उन्हें लौटा दिया जाएगा. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा, आपको 10 से 26 फरवरी के बीच जहां जाना हो वहां जाएं लेकिन पूछताछ में सहयोग जरूर करें. पीठ ने कहा, कृपया अपने मुवक्किल से कहें कि उन्हें सहयोग करना होगा. आपने सहयोग नहीं किया है. हम कई चीजें कहना चाहते हैं. हम उन्हें अभी नहीं कह रहे हैं.

कार्ति ने 10 से 26 फरवरी और फिर 23 से 31 मार्च के बीच विदेश जाने की अनुमति मांगी थी. पीठ कार्ति की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने 'टोटस टेनिस लिमिटेड' कंपनी द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय टेनिस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति मांगी थी. 'टोटस टेनिस लिमिटेड' का कार्यालय ब्रिटेन में पंजीकृत है.

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क्या है एयरसेल मैक्सिस केस?

यह केस फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से जुड़ा है. 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील को पी चिदंबरम ने बतौर वित्त मंत्री ने मंजूरी दी थी. पी चिदंबरम पर आरोप है कि उनके पास 600 करोड़ रुपए तक के प्रोजेक्‍ट प्रपोजल्‍स को ही मंजूरी देने का अधिकार था. इससे बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के लिए उन्हें आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से मंजूरी लेनी जरूरी थी. एयरसेल-मैक्सिस डील केस 3500 करोड़ की एफडीआई की मंजूरी का था. इसके बावजूद एयरसेल-मैक्सिस एफडीआई मामले में चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की मंजूरी के बिना मंजूरी दी गई.

सीबीआई ने इस मामले में चिदंबरम समेत 18 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें से 11 व्यक्ति और सात कंपनियां हैं. हालांकि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने इन तमाम आरोपों को झूठा बताया है. चिदंबरम का कहना है कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड में व्यापक विचार-विमर्श के आधार पर मंजूरी दी गई थी.