नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट नागरिकता संशोधन नियम 2024 (CAA) पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है. सुनवाई 19 मार्च को होनी है. CAA पर संविधान पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि तब अदालत ने इसलिए नहीं सुना था क्योंकि सरकार ने कहा कि अभी लागू नहीं हो रहा है. ऐसे में अब जब अधिसूचना जारी हो गई है तो शीघ्र सुनवाई शुरू की जाए. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चुनाव से पहले अधिसूचना पर विवाद का मतलब नहीं. ये संवैधानिक मामला है. CAA का NRC से कोई लेना देना नहीं... नागरिकता के लिए कैसे अप्लाई करना होगा, गृह मंत्रालय ने दी जानकारी.
सीजेआई ने कहा, ‘‘हम मंगलवार को इस पर सुनवाई करेंगे. 190 से अधिक मामले हैं. उन सभी पर सुनवाई की जाएगी. हम अंतरिम याचिकाओं के पूरे बैच की सुनवाई करेंगे.’’ केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 237 याचिकाएं हैं और उन लंबित याचिकाओं में से चार अंतरिम याचिकाएं नियमों के क्रियान्वयन के खिलाफ दायर की गयी हैं. CAA Implementation: मृत शरीर में जैसे जान आ गई हो... CAA लागू होने पर बोले पाकिस्तान से आए हिंदू.
बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू कर दिया है. इसके अंतर्गत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी.
सीएए के तहत इन देशों से आए हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान शामिल है. संसद के दोनों सदनों से सीएए 11 दिसंबर, 2019 में पारित किया गया था. इसके एक दिन बाद राष्ट्रपति की ओर से इसे मंजूरी दे दी गई थी. यह कानून उन लोगों पर लागू होगा, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे.