CAA का NRC से कोई लेना देना नहीं... नागरिकता के लिए कैसे अप्लाई करना होगा, गृह मंत्रालय ने दी जानकारी
Amit Shah | PTI

नई दिल्‍ली: देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) अब लागू हो गया है. आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. साल 2019 में संसद के दोनों सदनों के द्वारा पास किए गए इस कानून के संबंध में सोमवार को कानून मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जनता में काफी गलत जानकारियां है. यह कानून भारत के किसी नागरिक को उसकी नागरिकता से वंचित नहीं करता है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो. CAA Rules PDF Download Online: नागरिकता लेने के लिए क्या हैं नियम? मुस्लिमों को इस कानून से क्यों रखा गया है बाहर; पढ़े डिटेल्स.

केंद्र की आधिकारिक अधिसूचना के बाद, गृह मंत्रालय ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर प्रसारित नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर भ्रामक जानकारी का भंडाफोड़ करते हुए एक व्यापक गाइड जारी किया. गृह मंत्रलाय ने स्पष्ट किया कि CAA का NRC (National Register of Citizens) से कोई लेना-देना नहीं है.

गृह मंत्रालय (प्रवक्ता) ने एक्स पर किए एक पोस्ट में लिखा, 'CAA को लेकर कई भ्रांतियां फैलाई गई हैं. यह किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता नहीं छीनेगा, चाहे वह किसी भी धर्म का हो. CAA-2019 के तहत पात्र व्यक्ति नागरिकता के लिए https:// Indiancitizenshiponline.nic.in पर आवेदन कर सकते हैं.'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी एक बार फिर स्पष्ट किया कि नये कानून में किसी की भी नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है. गृह मंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के जरिये हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन शरणार्थियों को नागरिकता देकर सम्मानित किया है. गृह मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने शरणार्थियों को नागरिकता देकर सम्मान के साथ जीवन जीने का उन लोगों का सपना पूरा किया है.

CAA नागरिकता देने का कानून

अमित शाह ने कहा, ''मैं इस देश के अल्पसंख्यकों को बताना चाहता हूं कि सीएए के कारण देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता नहीं जाएगी. सीएए एक ऐसा कानून है, जो नागरिकता प्रदान करता है, न कि नागरिकता छीनता है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सीएए में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो किसी की भी नागरिकता छीनता हो.'

किन लोगों को मिलेगी भारत की नागरिकता?

पाकिस्‍तान, अफगानिस्‍तान और बांग्‍लादेश में रह रहे वहां के अल्‍पसंख्‍यक जो भारत में 31 दिसंबर, 2014 को या इससे पहले प्रवेश कर गए हैं, उन्‍हें नागरिकता दी जानी है. इसमें वो लोग भी शामिल हैं जिन्‍हें केंद्र सरकार द्वारा या पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 की धारा 3 की उपधारा (2) के खंड (स) या विदेशी अधिनियम, 1946 के प्रावधानों के आवेदन या उसके अंतर्गत किसी नियम या आदेश के तहत छूट दी गई हो.

क्यों लाया गया CAA?

इस कानून को लाने का मकसद भारत के पड़ोसी देशों में रह रहे गैर-मुस्लिम अल्‍पसंख्‍यकों को नागरिकता प्रदान करना है. केंद्र सरकार पड़ोसी देशों में अल्‍पसंख्‍यकों की दयनीय स्थिति को देखते हुए यह कानून लेकर आई थी.