नई दिल्ली: CAA कानून लागू होने के बाद देशभर के शरणार्थी खुशियां मना रहे हैं. दिल्ली के शरणार्थियों में खुशी का माहौल है. मजनू का टीला के पास 100 से अधिक शरणार्थी परिवार रहते हैं. ये सभी लोग CAA के अलगू होने से बेहद खुश हैं. ये लोग 2011 से दिल्ली में रह रहे हैं. ये सभी पाकिस्तान के नागरिक हैं जो कि टूरिस्ट वीजा पर भारत आए, लेकिन वापस नहीं लौटे. साल 2019 में जब नागरिक संशोधन एक्ट संसद में पास हुआ तभी से ये लोग इस कानून के लागू होने के इंतजार में थे. आखिरकर अब इनका इंतजार खत्म हो गया है और इन्हें अब जल्द ही भारत की नागरिकता मिलने वाली है. Read Also: CAA का NRC से कोई लेना देना नहीं... नागरिकता के लिए कैसे अप्लाई करना होगा, गृह मंत्रालय ने दी जानकारी.
CAA लागू होने पर दिल्ली के मजनू का टीला में रहने वाले पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी धर्मवीर कहते हैं, ''हम अपना धर्म बचाने के लिए पाकिस्तान से यहां आए हैं. इस कानून के लागू होने से ऐसा लग रहा है जैसे हमारे मृत शरीर में जान आ गई है.'' मैं 2013 में यहां आया था. हम इस कानून को लाने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देते हैं.
हम धर्म बचाने के लिए आए
#WATCH | On CAA implementation, Dharamveer, a Pakistani Hindu refugee living in Delhi's Majnu Ka Tila, says, "We have come here from Pakistan to save our religion. With the implementation of this law, it feels as if life has come into our dead bodies. I came here in 2013. We… pic.twitter.com/fggS6beH5l
— ANI (@ANI) March 13, 2024
दिल्ली के मजनू का टीला में रहने वाले पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी सोहना दास ने कहा, "ऐसा कोई दूसरा देश नहीं है जहां हिंदू शरण ले सकें. मैं इस कानून को लाने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं." दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में रहने वाले एक पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी का कहना है, ''अगर पीएम मोदी वहां नहीं होते तो सीएए लागू करने पर फैसला नहीं लिया जाता.''
PM मोदी न होते तो CAA नहीं लागू होता
#WATCH | "The decision on CAA implementation would not have been taken if PM Modi was not there," says, a Pakistani Hindu refugee living in Delhi's Majnu Ka Tila area. pic.twitter.com/LBTvrI23d1
— ANI (@ANI) March 13, 2024
किसे मिलेगी नागरिकता
भारतीय नागरिकता केवल उन्हें मिलेगी जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में शरण लिए हुए थे. इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन करने के योग्य होंगे. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म से जुड़े शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी.
इस कानून के तहत उन लोगों को अवैध प्रवासी माना गया है, जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज (पासपोर्ट और वीजा) के बगैर घुस आए हैं या फिर वैध दस्तावेज के साथ तो भारत में आए हैं, लेकिन तय अवधि से ज्यादा समय तक यहां रुक गए हों.