कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुधवार को राफेल मामले (Rafale Issue) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर एक बार फिर निशाना साधा और कहा कि अब इस मामले में ‘पूरी दाल काली’ है और अब पूरा देश प्रधानमंत्री से सवाल पूछ रहा है कि किसके कहने पर राफेल का सौदा बदला गया. लोकसभा (Lok Sabha) में राफेल मामले पर लोकसभा में चर्चा के दौरान उन्होंने दावा किया कि संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की जांच से ही इस मामले में ‘दूध का दूध, पानी का पानी’ हो जाएगा. राहुल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राफेल डील की जेपीसी जांच से इनकार नहीं किया है. राहुल गांधी ने गोवा (Goa) के एक मंत्री की कथित बातचीत का ऑडियो प्ले करने की इजाजत मांगी, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने ऑडियो और इसके लिखित ब्यौरे को पढ़ने की इजाजत देने से इनकार कर दिया. वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने कहा कि यह ऑडियो झूठा है, इसलिए राहुल इसकी पुष्टि करने से मना कर रहे हैं. इस बीच हंगामे के दौरान सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.
गांधी ने कहा कि यूपीए सरकार के समय वायुसेना के कहने पर 126 राफेल विमान खरीदने की प्रक्रिया आगे बढ़ी थी, लेकिन प्रधानमंत्री ने नए सौदे में 36 विमान कर दी गई. उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री बताएं कि किसके कहने पर यह किया गया, क्या वायुसेना ने यह कहा था? कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में दाल में कुछ काला नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली है. गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री से अब इस मामले में पूरा देश में सवाल पूछ रहा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग डरे नहीं, जेपीसी की जांच कराएं. दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा.
Congress President Rahul Gandhi in Lok Sabha: Prime Minister in an interview said that no one is accusing him personally on #Rafale. Entire nation is asking a direct question to the PM. pic.twitter.com/fornFcqDbj
— ANI (@ANI) January 2, 2019
राहुल ने कहा कि राफेल की बात जब शुरू हुई तो हमें लगा दाल में कुछ काला है. दो साल बाद पता चला कि दाल में कुछ काला नहीं है. बल्कि काली दाल है. राहुल गांधी ने कहा कि उस समय के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने खुद कहा था कि मुझे इस डील के बारे में कोई आइडिया नहीं है. मेरा सवाल है कि क्या बिना वायुसेना से बात किए राफेल का सौदा बदला गया? राहुल ने सवाल करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने यूपीए के डील को क्यों बदला, क्या वायु सेना की ओर से इसका मांग की गई थी. उन्होंने कहा कि डील की कीमत बढ़कर तीन गुना कैसे हो गई. साथ ही उन्होंने सवाल किया कि क्यों HAL को ऑफसेट पार्टनर नहीं बनाया गया और क्यों प्रधानमंत्री के दोस्त अनिल अंबानी की कंपनी को डील का पार्टनर बनाया गया. यह भी पढ़ें- योगी सरकार गौ सेवा के लिए वसूलेगी ‘गौ कल्याण सेस’, आवारा पशुओं के लिए बनेंगे आश्रय स्थल
राहुल गांधी के आरोपों को ‘झूठा’ और पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर देश की सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें स्वभाविक रूप से सच्चाई नापसंद होती है. उन्हें सिर्फ पैसे का गणित समझ में आता है, देश की सुरक्षा का नहीं. जेपीसी की मांग को खारिज करते हुए जेटली ने कहा कि इसमें संयुक्त संसदीय समिति नहीं हो सकती है, यह नीतिगत विषय नहीं है. यह मामला सौदे के सही होने के संबंध में है. सुप्रीम कोर्ट में यह सही साबित हुआ है. उन्होंने कहा कि जेपीसी में दलगत राजनीति का विषय आता है. बोफोर्स मामले में जेपीसी ने कहा था कि इसमें कोई रिश्वत नहीं दी गई. अब वे ही लोग जेपीसी की मांग कर रहे हैं ताकि एक स्वच्छ सरकार के खिलाफ मामला गढ़ने का मौका मिल सके.
राफेल विमान सौदा मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए जेटली ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है जिसमें पहले से लेकर अंतिम शब्द तक.. जो भी बोला गया , पूरी तरह से झूठ है. उन्होंने कहा कि कई रक्षा सौदों के षड्यंत्रकारियों का यह दुस्साहस है कि वे दूसरों पर सवाल कर रहे हैं. जेटली ने गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि वह यूरो फाइटर की याद में राफेल का तीर चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें स्वभाविक रूप से सच्चाई नापसंद होती है. इनकी (गांधी परिवार) विरासत यही रही है. यह सिलसिला सेंट किट्स मामले से शुरू होता है. इसमें भी इनकी बात गलत निकली. फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति मैक्रो के संदर्भ में भी जो बात कही, उसे गलत बताया गया.
जेटली ने कहा कि आज ये (राहुल) कोई टेप लेकर आए हैं और इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं क्योंकि वह गलत है. यह पूरी तरह से मनगढंत है. ये बातें गलत और त्रुटिपूर्ण हैं. वित्त मंत्री ने गांधी परिवार पर निशाना साधने के लिए बोफोर्स, अगस्ता वेस्टलैंड और नेशनल हेराल्ड मामले का उल्लेख किया. वित्त मंत्री ने कहा कि बोफोर्स मामले में ‘क्यू’ के संदर्भ में यह बात सामने आई थी कि इन्हें हर कीमत पर बचाया जाना चाहिए. राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इसलिए इन्हें संक्षेपण और कौमा और अंकगणित की समझ ज्यादा है. यह भी पढ़ें- मिस कॉल से हो जाएं अलर्ट!!! मुंबई के बिजनेसमैन ने गवाएं 1.86 करोड़
जेटली ने कहा कि हेराल्ड मामले में क्या हुआ, किस प्रकार से सम्पत्ति को निजी संपत्ति बना दिया गया. अगस्ता वेस्टलैंड मामले में जिन महाशय को लाया गया है, उससे संबंधित एक ईमेल में ‘मिसेज गांधी’ और ‘आर’ संक्षेपण का इस्तेमाल किया गया है. सदन में जब चर्चा चल रही थी तब अन्नाद्रमुक, टीडीपी सदस्य आसन के समीप नारेबाजी कर रहे थे. बाद में कांग्रेस सदस्य भी आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे. कांग्रेस के एक सदस्य ने कागज का विमान भी उड़ाया. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिये स्थगित करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया. अनुबंधन वार्ता समिति, कीमत वार्ता समिति आदि की 74 बैठकें हुई. सुप्रीम कोर्ट को इसकी जानकारी दी गई. इसके बाद यह रक्षा खरीद परिषद में गया और फिर सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडल समिति की मंजूरी ली गई.
#WATCH Moment when Congress MPs threw paper planes towards FM Arun Jaitley while he was speaking during #Rafaledeal debate in Lok Sabha (Source:LS TV) pic.twitter.com/4LuuBIUSPU
— ANI (@ANI) January 2, 2019
वित्त मंत्री ने कहा कि 2016 में जो सौदा हुआ, उसके आधार पर बेयर एयरक्राफ्ट (विभिन्न युद्धक प्रणालियों से विहीन विमान) का दाम यूपीए की कीमत से नौ प्रतिशत कम था और हथियारों से युक्त विमान की बात करें तब यह यूपीए की तुलना में भी 20 प्रतिशत सस्ता था. जेटली ने कहा कि क्या एक औद्योगिक घराने को लाभ दिया है. कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष को ऑफसेट का पता नहीं है, यह दुख की बात है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बोफोर्स, अगस्ता मामले में जुड़ी है, घोटालों से जुड़ी है. ऑफसेट का मतलब है कि किसी विदेशी से सौदा करते हैं तो कुछ सामान अपने देश में खरीदना होता है. राफेल में 30 से 50 प्रतिशत सामान भारत में खरीदने की बात है. उन्होंने कहा कि कुल ऑफसेट 29 हजार करोड़ रुपये का और आरोप 1.30 लाख करोड़ रुपये का लगाया जा रहा है. ऑफसेट तय करने का काम विमान तैयार करने वाली कंपनी का है. जेटली ने कहा कि ऐसी नासमझी की एक ऐसे दल के अध्यक्ष से अपेक्षा नहीं है जिसे बड़े बड़े दिग्गज लोगों ने नेतृत्व प्रदान किया.
एजेंसी इनपुट