बंगाल में चुनाव आयोग की निषेधाज्ञा घोषणा के बावजूद तृणमूल ने मनाया ममता की जीत का जश्न
ममता बनर्जी व चुनाव आयोग (Photo Credits Facebook)

कोलकाता, 3 अक्टूबर: भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा सख्त निषेधाज्ञा के बावजूद, पश्चिम बंगाल ( West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की जीत के संकेत के बाद राज्य की राजधानी में व्यापक जश्न मनाया जा रहा है, जो 14वें राउंड की मतगणना के बाद बीजेपी की प्रियंका टिबरेवाल के खिलाफ 37,950 वोट के अंतर से आगे चल रही हैं. चुनाव आयोग ने रविवार को जारी एक अधिसूचना में कहा, "पश्चिम बंगाल में चल रहे चुनाव में मतगणना के दौरान या बाद में किसी भी जीत का जश्न / जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिसके लिए 03.10.2021 को मतगणना हो रही है.

सभी आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए. आयोग के उस निर्देश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें जिसमें इस तरह की सभी गतिविधियों को महामारी के मद्देनजर पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसके अलावा, राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पर्याप्त कदम उठाए जाएं ताकि चुनाव के बाद कोई हिंसा न हो. "14वें दौर की मतगणना के बाद ममता बनर्जी को 55,404 वोट मिले, जबकि भाजपा की प्रियंका टिबरेवाल को 16,454 वोट मिले हैं जिससे मुख्यमंत्री को 37,950 वोटों की बढ़त हासिल हुई है. बनर्जी, जो इस साल की शुरूआत में नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव हार गई थीं, उन्हें सीएम की कुर्सी बरकरार रखने के लिए इस सीट से जीतना जरूरी है. यह भी पढ़े: तृणमूल में शामिल होने की चर्चा के बीच कांग्रेस ने मेघालय के पूर्व CM Mukul Sangma को दिल्ली बुलाया

दो अन्य निर्वाचन क्षेत्रों - जंगीपुर और समसेरगंज में, तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपनी बढ़त बनाए रखी है. दसवें दौर की मतगणना के बाद जंगीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे जाकिर हुसैन 22,453 मतों के अंतर से आगे चल रहे हैं. दसवें दौर की मतगणना के बाद समसेरगंज से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार अमीरुल इस्लाम भी 5,965 मतों के अंतर से आगे चल रहे हैं. मुख्यमंत्री ने जेसे ही अपने प्रतिद्वंदी से विशाल बढ़त हासिल की, पूरे कोलकाता में व्यापक उत्सव मनाया गया. कामरहटी से तृणमूल विधायक मदन मित्रा ने मुख्यमंत्री की जीत का जश्न मनाने के लिए भवानीपुर क्षेत्र के जादू बाबू के बाजार में एक विशाल रैली का नेतृत्व किया.

मीडिया से बात करते हुए, मित्रा ने कहा, "यह भाजपा के अंत की शुरुआत है. भारत अपनी बेटी चाहता है और यह भवानीपुर में फिर से साबित हुआ है. "इसी तरह का जश्न शहर और जिले में कई जगहों पर देखा गया जहां बड़ी संख्या में लोगों ने इकट्ठा होकर तृणमूल प्रमुख की संभावित जीत का जश्न मनाया. तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "हम जानते हैं कि जीत के जश्न पर प्रतिबंध हैं लेकिन यह लोगों की स्वाभाविक अभिव्यक्ति है. लोग हमारे नेता की जीत को लेकर उत्साहित हैं. हम प्रशासन से भीड़ को नियंत्रित करने का अनुरोध कर रहे हैं. "