RLSP-JDU Merger: बिहार में उपेंद्र कुशवाहा की 'घर वापसी' पर नीतीश कुमार ने दिया तोहफा, मिली ये बड़ी जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उपेंद्र कुशवाहा (Photo Credits: Twitter@UpendraKushJDU)

RLSP-JDU Merger: बिहार (Bihar) में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) लगातार अपना कुनबा मजबूत करने में जुट गए. इसी क्रम में बीते कुछ समय से उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के विलय को लेकर जो कयास लगाए जा रहे थे वह आज खत्म हो गया है. दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने पटना (Patna) में रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आरएलएसपी का जेडीयू में विलय वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति की मांग थी. यह देश और राज्य के हित में है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार मेरे बड़े भाई की तरह हैं. मैंने व्यक्तिगत रूप से हमेशा उनका सम्मान किया है. हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करेंगे. आरएलएसपी का अब जेडीयू में विलय कर दिया गया है. हम अब साथ मिलकर काम करेंगे.

उधर, पटना स्थित जेडीयू दफ्तर में रविवार को आयोजित एक समारोह के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा जी से हमारी बातचीत चल रही थी. जब मैंने इस बारे में अपने पार्टी के सदस्यों से चर्चा की तब उन सबों ने विलय के इस विचार पर खुशी जाहिर की. कार्यक्रम के दौरान नीतीश ने कुशवाहा को गुलदस्ता भेंट कर के उनका जेडीयू में स्वागत किया. यह भी पढ़ें- बिहार: आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने CM नीतीश कुमार से की मुलाकात, बिहार में राजनीतिक समीकरण बदलने के आसार. 

उपेंद्र कुशवाहा का ट्वीट-

नीतीश ने आरएलएसपी का जेडीयू में विलय पर खुशी जाहिर की और कुशवाहा को तत्काल प्रभाव से जेडीयू के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा की. गौरतलब है कि साल 2013 में जेडीयू के राज्यसभा सदस्य रहे कुशवाहा ने विद्रोही तेवर अपनाते हुए जेडीयू ने नाता तोड़कर आरएलएसपी नाम से एक नई पार्टी बनाई थी. वह 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बन गअ थे और उस चुनाव के बाद कुशवाहा को नरेंद्र मोदी सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री बनाया था.

सीएम नीतीश कुमार का ऐलान-

जुलाई 2017 में जेडीयू की एनडीए में वापसी ने समीकरणों को एक बार फिर बदल दिया और आरएलएसपी इस गठबंधन ने नाता तोड़कर आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा बन गई थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में कुशवाहा ने काराकाट और उजियारपुर लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गए थे.

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कुशवाहा ने महागठबंधन से नाता तोड़कर मायावती की बीएसपी और एआईएमआईएम के साथ नया गठबंधन बनाकर यह चुनाव लड़ा था. बिहार विधानसभा चुनाव में आरएलएसपी प्रमुख कुशवाहा को उनके गठबंधन द्वारा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया गया था लेकिन इनके गठबंधन में शामिल हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में जहां पांच सीट जीती थी, वहीं आरएलएसपी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी.