Pranab Mukherjee Dies at 84: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख, कहा- उनके साथ अपनी बातचीत को संजोए रखूंगा
पीएम नरेंद्र मोदी और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Photo Credits: Twitter/ Narendra Modi)

नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का सोमवार शाम को 84 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी (Abhijit Mukherjee) ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. प्रणब मुखर्जी पिछले कई दिनों से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे. पूर्व राष्ट्रपति को 10 अगस्त को दिल्ली में आर्मी रिसर्च ऐंड रेफरल हॉस्पिटल (Army's Research and Referral Hospital) में भर्ती कराया गया था. उनके ब्रेन में बने खून के थक्के को हटाने के लिए उनकी ब्रेन सर्जरी की गई थी, जिसके बाद से ही वह वेंटिलेटर पर थे.

सोमवार को अस्पताल ने बताया था कि उनके स्वास्थ्य में गिरावट दर्ज की गई क्योंकि उन्हें फेफड़े में संक्रमण की वजह से सेप्टिक शॉक लगा है. अस्पताल ने बताया था उनका इलाज विशेषज्ञों की एक टीम कर रही है. वह अब भी गहरे कोमा में हैं और वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं.' यह भी पढ़ें | पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 साल की उम्र में निधन, बेटे अभिजीत ने दी जानकारी. 

पीएम मोदी का ट्वीट:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त किया. पीएम मोदी ने कई ट्वीट किए. उन्होंने लिखा, "प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूरा देश दुखी है, उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है. उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र और सामाजिक क्षेत्र के हर तबके की सेवा की है. प्रणब मुखर्जी ने अपने राजनीतिक करियर के दौरान आर्थिक और सामरिक क्षेत्र में योगदान दिया."

पीएम मोदी ने जताया दुख:

पीएम मोदी ने आगे लिखा, 'दशकों तक चले अपने राजनीतिक जीवन के दौरान श्री प्रणब मुखर्जी ने प्रमुख आर्थिक और रणनीतिक मंत्रालयों में लंबे समय तक योगदान दिया. वह एक उत्कृष्ट सांसद थे, जो हमेशा पूरी तैयारी के साथ जवाब देते थे.'

पीएम ने अपने ट्वीट में लिखा, 'मैं 2014 में दिल्ली में नया था. पहले दिन से मुझे श्री प्रणब मुखर्जी का मार्गदर्शन, समर्थन और आशीर्वाद मिला. मैं हमेशा उसके साथ अपनी बातचीत को संजोता रहूंगा. पूरे भारत में उनके परिवार, दोस्तों, प्रशंसकों और समर्थकों के प्रति संवेदना. ओम शांति.'

पीएम ने आगे लिखा, 'भारत के राष्ट्रपति के रूप में श्री प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन को आम नागरिकों के लिए और भी अधिक सुलभ बनाया. उन्होंने राष्ट्रपति भवन को लर्निंग, इनोवेशन, संस्कृति, विज्ञान और साहित्य का केंद्र बनाया. प्रमुख नीतिगत मामलों पर उनकी सलाह मेरे द्वारा कभी नहीं भुलाई जाएगी.'