केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) को दी गई स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) की सुरक्षा वापस ले ली है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में कहा कि वर्तमान सुरक्षा कवर की समीक्षा की गई. यह सुरक्षा एजेंसियों (Security Agencies) के द्वारा संभावित खतरे को लेकर की जाती है. एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने के बाद डॉ. मनमोहन सिंह की जेड प्लस सुरक्षा (Z+ Security) जारी रहेगी. ज्ञात हो कि मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को राज्यसभा के सदस्य के रूप में छठी बार शपथ ली थी. मनमोहन सिंह इस बार राजस्थान से राज्यसभा के सदस्य चुने गए हैं.
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार के दोबारा कार्यभार संभालने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जुलाई महीने में वीआईपी सुरक्षा प्राप्त लोगों की सुरक्षा की पहली बार पूर्ण समीक्षा की थी. इस दौरान केंद्र ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव समेत कई सियासतदानों और जन प्रतिनिधियों को मिला वीआईपी सुरक्षा कवर वापस ले लिया जबकि 130 से ज्यादा मामलों की समीक्षा के बाद विभिन्न श्रेणियों में अन्य की सुरक्षा को कम किया था. यह भी पढ़ें- राजस्थान से निर्विरोध राज्यसभा सदस्य चुने गए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, CM अशोक गहलोत ने दी बधाई
Ministry of Home Affairs (MHA): The current security cover review is a periodical and professional exercise based on threat perception that is purely based on professional assessment by security agencies. Dr. Manmohan Singh continues to have a Z+ security cover. pic.twitter.com/qYxxg2abI3
— ANI (@ANI) August 26, 2019
सूत्रों ने बताया था कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को मिला शीर्ष ‘जेड प्लस’ श्रेणी का एनएसजी सुरक्षा कवर और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा को वापस ले लिया गया. इसी के साथ ही बीजेपी सांसद और पूर्व मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी, बीजेपी के पूर्व नेता कीर्ति आजाद, शत्रुघन सिन्हा, हिमाचल प्रदेश के नव-नियुक्त राज्यपाल कलराज मिश्रा, लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के तीन नाती-पोतों, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एक बेटी और नाती के नामों को भी सुरक्षा देने वाली केंद्रीय सूची से हटाया गया था. इन वीआईपी को सीआरपीएफ,सीआईएसएफ, प्रतिष्ठित आतंकवाद रोधी बल एनएसजी जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएएफ) के कमांडो तथा दिल्ली पुलिस सुरक्षा मुहैया करा रही थी.
भाषा इनपुट