तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (CM Pinarayi Vijayan) ने मंगलवार को विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया. जिसे विधानसभा में पास कर दिया गया है. नागरिकता कानून के खिलाफ केरल में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों साथ नजर आए. इस प्रस्ताव में सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की गई है. नागरिकता कानून का पूरे देश में विरोध हो रहा है. देश की कई गैर बीजेपी सरकारों ने घोषणा की है कि वो इसे लागू नहीं करेंगे. लेकिन इस कानून के खिलाफ विधानसभा में सबसे पहले प्रस्ताव पास करने वाला केरल पहला राज्य है. प्रस्ताव पेश करते हुए मुख्यमंभी पिनराई विजयन ने कहा, '' मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि केरल में कोई भी डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया जाएगा.''
विधानसभा में केरल के मुख्यमंत्री ने कहा, 'केरल एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है. यहां यूनानियों, रोमन, अरबों का एक लंबा इतिहास है, हर कोई हमारी भूमि पर पहुंच गया. ईसाई और मुसलमान शुरुआत में केरल पहुंचे. हमारी परंपरा समावेशी है. सीएम पिनाराई विजयन ने कहा, हमारी विधानसभा को परंपरा को जीवित रखने की जरूरत है.' विधानसभा में कांग्रेस, सीपीआई (एम) ने पिनराई द्वारा पेश किये गए प्रस्ताव का समर्थन किया.
CAA के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास-
Thiruvananthapuram: Kerala Assembly passes resolution demanding withdrawal of the #CitizenshipAmendmentAct. pic.twitter.com/xMvCZeBgVp
— ANI (@ANI) December 31, 2019
CAA के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पेश-
Kerala: BJP MLA O Rajagopal opposes the resolution moved by Chief Minister against #CitizenshipAmendmentAct, in the State Assembly; says, 'It shows the narrow political mindset.' https://t.co/tOZWpMAUzm
— ANI (@ANI) December 31, 2019
बता दें कि केरल में नागरिकता कानून के खिलाफ पक्ष और विपक्ष साथ में आ गए हैं. कांग्रेस विधायक वीडी सतीशन ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा, एनआरसी और सीएए एक ही सिक्के के दो पहलु हैं. उन्होंने कहा नागरिकता संशोधन कानून की संविधान के अनुच्छेद 13,14 और 15 उल्लंघन है. केरल में बीजेपी विधायक ओ राजगोपाल ने प्रस्ताव का विरोध किया. उन्होंने कहा यह राजनीति की संकीर्ण मानसिकता का प्रतीक है.
इससे पहले मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि जब नागरिकता का आधार धर्म बनेगा तब संविधान कमजोर होगा और भारत धर्मनिरपेक्ष देश से धार्मिक देश बन जाएगा. सीएम विजयन ने कहा कि धार्मिक आधार पर लोगों के विभाजन को केरल में स्वीकार नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि संविधान से ऊपर कोई नियम नहीं है.