Population Control Bill: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने के बाद बिहार में भी इसकी चर्चा जोरो पर हैं. सोमवार को जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish kumar) ने अपनी राय रखते हुए कहा कि, कानून बनाकर जनसंख्या नियंत्रण करना संभव नहीं है. इसके लिए महिलाओं को शिक्षित और जागरुक करना होगा. क्योंकि कानून लाने से बहुत लाभ नहीं होने वाला है. उनके इस बयान पर बिहार की डिप्टी रेणु देवी (Renu Devi) ने असहमति जताई थी. लेकिन अपने बयान के एक दिन बाद ही वे पलट गई है. उन्होंने नीतीश कुमार की हां में हां मिलाई हैं.
उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने मंगलवार को अपने एक बयान में कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए शिक्षा जरूरी है. अगर हम इसे बनाए नहीं रखते, तो हम कुपोषण के शिकार हो सकते हैं. वहीं उन्होंने अपने बयान में कहा कि साक्षरता में सुधार के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को धन्यवाद देती हूं. शिक्षा का स्तर बढ़ा है और युवा लड़कियों को प्रेरणा मिल रही है. यह भी पढ़े: Population Control Bill: सीएम नीतीश कुमार जनसंख्या नियंत्रण कानून के पक्ष में नहीं, कही ये बात
Education is required for population control. If we don't maintain it, we'll be victims of malnutrition. I thank PM Modi and Bihar CM, Nitish Kumar, for improving literacy. Education level is raised & young girls are motivated: Renu Devi, Bihar Dy CM, on population control bill pic.twitter.com/yOrvRyhtQw
— ANI (@ANI) July 13, 2021
दरअसल एक दिन पहले सीएम नीतीश कुमार की बातों पर असहमति जाहिर करते हुए रेणु देवी ने कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए महिलाओं से अधिक पुरुषों को जागरूक करने की आवश्यकता है क्योंकि पुरुषों में नसबंदी को लेकर काफी डर देखा जाता है. डिप्टी सीएम रेणु ने कहा कि बिहार में अब भी प्रजनन दर 3.0 है. राज्य में खुशहाली के लिए जनसंख्या स्थिर होना बेहद जरूरी है. विशेषज्ञों की भी राय है कि बढ़ती या अनियंत्रित आबादी राज्य की चहुमुखी विकास में बाधक होती है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विश्व जनसंख्या दिवस पर 'जनसंख्या नीति उत्तर प्रदेश 2021-30' का विमोचन किया. इसके बाद से ही जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है. जिस कानून को बीजेपी जहां स्वागत कर रही है. वही नीतीश कुमार समेत अन्य नेता इस कानून के पक्ष में नहीं हैं.