Delhi Air Pollution: आम आदमी पार्टी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कहा-राजनीति बोर्ड
सीएम अरविंद केजरीवाल (Photo Credit: ANI)

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर. आम आदमी पार्टी ने सीपीसीबी यानी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर हमला बोला है. आम आदमी पार्टी ने सीपीसीबी को केंद्रीय राजनीतिक नियंत्रण बोर्ड कहा है। पार्टी ने कहा कि हरियाणा, पंजाब और यूपी में प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्धारित मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है, लेकिन सीपीसीबी चुप है. आम आदमी पार्टी के विधायक एवं प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा, "पड़ोसी राज्यों के किसान राज्य और केंद्र से मदद नहीं मिलने के कारण पराली जलाने के लिए मजबूर हैं. अगले दो-तीन दिनों में पराली का धुंआ दिल्ली पहुंचने की संभावना है, जिससे प्रदूषण बढ़ सकता है. दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में कोयला आधारित 13 थर्मल पावर प्लांट हैं. जिनसे प्रतिदिन 57 टन पार्टिकुलेट, 686 टन सल्फर डाई ऑक्साइड और 304 टन नाइट्रोजन ऑक्साइड निकलती है. यह स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है. यह प्लांट हरियाणा, यूपी, पंजाब और हमारे आसपास के राज्यों में मौजूद हैं."

भारद्वाज के मुताबिक, "सुप्रीम कोर्ट के आदेश और केंद्र सरकार के निर्देश के बावजूद कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट्स में अभी तक प्रदूषण कम करने वाले उपकरण नहीं लगाए गए हैं. कई बार अंतिम तिथि बढ़ाई जा चुकी है. आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार से कोयला आधरित सभी थर्मल पावर प्लांट्स को तत्काल बंद करने की मांग करती है. सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली में होने वाले प्रदूषण को लेकर गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता की. उन्होंने कहा, "अक्टूबर का महीना है और ऐसी खबरें आ रही हैं कि दिल्ली के करीबी राज्यों (पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश) के किसान बड़े स्तर पर पराली जला रहे हैं। सैटेलाइट की तस्वीरों से पराली को जलाने वाली आग देखी जा सकती है. दो से तीन दिनों के अंदर यह धुआं दिल्ली- एनसीआर की तरफ बढ़ने लगेगा. फिर उस वक्त इतना शोर हो जाएगा कि हम यह तय नहीं कर पाएंगे कि किसको इस प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराएं. इसीलिए हम उस शोर से पहले कुछ बात करना चाहते हैं." यह भी पढ़ें-Delhi Air Quality Index: दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार तक खराब श्रेणी में पहुंचने की आशंका, एयर क्वालिटी आज 'मध्यम श्रेणी' में दर्ज

सौरभ भारद्वाज ने कहा, "ऐसा लगता है कि प्रदूषण पर रोक लगाने वाला केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) अब केंद्रीय राजनीतिक नियंत्रण बोर्ड हो गया है। अब इस संस्था को शुद्ध राजनीति करते हुए देखा जा सकता है."

भारद्वाज ने आगे कहा कि, "प्रदूषण का दूसरा सबसे बड़ा कारण ईंट के भट्टे हैं, जो साल में करीब पांच से छह बार सातों दिन, 24 घंटे चलते हैं. सिर्फ एनसीआर (नोएडा, गुड़गांव, गाजियाबाद) में लगभग 2300 ईंट के भट्टे चल रहे हैं. इन भट्टों को प्रदूषण कम करने के लिए गाइड लाइन जारी की गई थी, लेकिन अधिकतर भट्टों ने अभी तक कोई नई तकनीक नहीं लगाई है. हरियाणा और यूपी के प्रदूषण बोर्ड के भ्रष्टाचार के चलते यह सभी ईंट के भट्टे अभी भी चल रहे हैं.